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हरी इलायची का बंपर उत्पादन संभावित

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 7 2015 11:37AM | Updated Date: Jul 7 2015 11:37AM
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व्यापार प्रतिनिधि - 98260-11032
इंदौर। अगले कुछ दिनों में हरी इलायची के मूल्यों में गिरावट की आशंका है। दरअसल, इस बार भरपूर फसल की संभावनाएं इसके घरेलू मूल्यों पर अपना दबाव बनाए हुए हैं। इलायची उत्पादक क्षेत्रों में खुशगवार मौसम, ग्रीष्म ऋतु की अच्छी वर्षा, अप्रैल-मई के दौरान समर्थक तापमान जैसे अनेक कारक भरपूर फसल की संभावनाएं जता रहे हैं। सूत्रों का अनुमान है कि यदि संभावनाएं सच हुईं तो इस बार देश का इलायची उत्पादन 20000 टन का आंकड़ा पार कर जाएगा। ध्यान रहे कि भारत हरी इलायची के वैश्विक उत्पादन में दूसरे स्थान पर है जबकि प्रथम स्थान पर ग्वाटेमाला है। इसके साथ ही भारत इलायची के उपभोक्ता देशों में पहले स्थान पर है और इसके हरी इलायची उत्पादन का अधिकांश घरेलू खपत में ही लग जाता है।
 
यही कारण है कि हरी इलायची उत्पादन में घटा-जमा का सीधा असर इसके घरेलू मूल्यों पर ही होता है। हरी इलायची के पौधे बदलते मौसम के प्रति बहुत संवेदनशील (सेंसिटिव) होते हैं। पिछले कुछ दिनों में कम तापमान, सघन आर्द्रता, लगातार हलकी बौछारें आदि समर्थक कारणों के चलते इस बार बंपर फसल के अनुमान जताए जा रहे हैं। व्यापारिक अनुमान है कि हाजर व्यापार में हरी इलायची की अच्छी आवक वायदा व्यापार में इसके मूल्यों को नीचे ही ले जाएगी।
 
इधर, ऊंचे दर्जे का माल न आने से कमजोर निर्यात मांग भी वायदा व्यापार में इलायची के मूल्यों को दबाती रहेगी। विश्लेषकों के अनुसार ग्वाटेमाला में हरी इलायची का उत्पादन बिगड़ने की आशंका यदि सच हुई तो भारतीय हरी इलायची की मांग में बढोतरी ही इसके मूल्यों को गिरने से बचा सकती है।
 
दूसरी ओर रमजान शुरू होने से बड़ी इलायची में निर्यातकों के साथ ही घरेलू डिमांड भी लगभग सिमट चुकी थी, जबकि रमजान का आधे से अधिक महीना निकल चुका है और ईद नजदीक होने से इसकी मांग में फिर इजाफा होने लगेगा, जो अब त्योहारों को ध्यान में रखते हुए अगले दो-तीन महीने तक बरकरार रहेगा।
 
पिछले दिनों  बड़ी इलायची की कीमतों में आई गिरावट अब थम चुकी है और ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही इसकी कीमतों में कुछ सुधार की स्थिति बन सकती है। हालांकि लंबी तेजी की गुंजाइश तब तक नहीं है जब तक भारतीय बाजार में निर्यातकों की डिमांड नहीं लगती है। उधर, रुपए की तुलना में अमेरिकी डॉलर 63.48 पर मजबूत है।
 
बीते अप्रैल के अंत में आए भूकम्प के बाद पड़ोसी देश नेपाल में बड़ी इलायची का कारोबार अभी भी सामान्य नहीं हो पाया है। फिलहाल नेपाली बड़ी इलायची का आयात पड़ता स्थानीय बाजार की थोक कीमतों से भी ऊंचा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि वहां भी बड़ी इलायची की उपलब्धता कम है। दूसरी ओर, बाजार में भी आपूर्ति तंग बनी है। इधर-उधर से आने वाले मालों की आवक नहीं हो रही है।
 
चूंकि बड़ी इलायची की नई फसल आने में लगभग एक-सवा महीने का समय शेष है, जबकि इसकी खपत का सीजन भी फिलहाल कम है। ऐसे में ज्यादा तेजी की गुंजाइश फिलहाल कम है लेकिन मंदी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। चालू सीजन के दौरान बड़ी इलायची का उत्पादन घटकर करीब 1000-1100 टन ही रह जाने का अनुमान है लेकिन नए सीजन में इसके उत्पादन में लगभग 30-35 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना नजर आ रही है। आने वाले समय में बड़ी इलायची में लंबी तेजी की उम्मीद कम है।
 
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