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इंदौर। देश के अन्य राज्यों के साथ ही मप्र में भी मानसून सक्रिय हो गया है जिससे कपड़ा व्यापारियों में उत्साह है। हालांकि बाजार में ग्राहकी का सन्नाटा बना है लेकिन व्यापारियों का मानना है कि अगर जून में अच्छी बारिश हो जाती है तो त्योहारों पर निकलने वाली ग्राहकी जोरदार रह सकती है क्योंकि लग्नसरा के शुभ मुहूर्त खत्म हो चुके हैं, नवंबर में कुछ मुहूर्त हैं। ऐसे में वैवाहिक ग्राहकी कपड़ा बाजार में कुछ कम रह सकती है। इसलिए व्यापारी त्योहारी ग्राहकी पर ज्यादा ध्यान देने पर विचार कर रहे हैं और वैवाहिक ग्राहकी से उम्मीद कम कर रहे हैं।
हालांकि जो मुहूर्त नहीं मानते उनकी कपड़ों में खरीद-फरोख्त बराबर बनी रहेगी। जून के शुरू होते ही थोक कपड़ों में खरीदारी कुछ कम हो जाती है क्योंकि बरसात का सीजन शुरू हो जाता है। यही वजह है कि देशभर के थोक कपड़ा मार्केट में भाव में कोई तेजी की स्थिति नजर नहीं आ रही है। आगे भी कपड़ों के दामों में स्थिरता बनी रहने की संभावना है। त्योहारी ग्राहकी पूर्णत: मानसून पर निर्भर करेगी।
इधर, रमजान माह शुरू हो गया है जिससे खुदरा मार्केट में सलवार सूट में सीमित पूछपरख दिखाई देने लगी है। इसमें विशेष रूप से चमक-थम, भारी वर्क और कॉटन सलवार सूट की डिमांड ज्यादा है जो ईद तक बनी रहेगी। कॉटन सूट में जैतपुर के बीके, बालीजी प्रिंट की कैटलॉग पेंटेंड बाजार में खूब आ रहे हैं जिन्हें काफी पसंद भी किया जा रहा है।
इसके अलावा सफेद कुर्ते-पाजामे का कामकाज बाजार में अच्छा देखा जा रहा है। इसमें चिकन कपड़ों पर वर्क को काफी महत्व दिया जा रहा है। दूसरी ओर सिंथेटिक साड़ियों में हलके मालों में पिछले एक महीने में 5 से 7 रु. प्रति नग की गिरावट आई है। इसका प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों का कामकाज काफी कमजोर होना है, जबकि व्यापारियों के पास भरपूर स्टॉक मौजूद है। वे व्यापारी भावों में कटौती कर स्टॉक हलका करने में जुट गए हैं। वहीं फैंसी साड़ियों में कैटलाग पेंटेंड में पूछपरख सामान्य है। इसके अलावा ऊंची रेंज की साड़ियों की खरीदी व्यापारी आवश्यकता अनुसार कर रहे हैं क्योंकि अब लग्नसरा के मुहूर्त खत्म हो चुके हैं।
दूसरी ओर अगले एक महीने में ग्रे-कपड़ों में ग्राहकी अच्छी देखने को मिल सकती है क्योंकि पिछले छह महीने से ग्रे-कपड़ों में कामकाज कम चलने से पाइप लाइन खाली है। इस वजह से व्यापारियों का मनोबल मजबूत है और आगे अच्छी ग्राहकी चलने की उम्मीद कर रहे हैं, पर इस समय और आने वाले समय में धनतंगी की वजह से कुछ बड़े व्यापारियों के दिवालिया होने की चर्चा बाजार में बनी हुई है क्योंकि बाजार में बिक्री नहीं होने और व्यापारियों के खर्च में बढ़ोतरी होने से यह स्थिति पैदा हो सकती है।
सूरत में अगले सप्ताह से बढ़ेगी डिमांड
साड़ियों का सबसे बड़े मार्केट सूरत में पिछले एक महीने से कामकाज कमजोर बना हुआ है। हालांकि अब सूरत के प्रोसेस हाउस और निर्माता रक्षाबंधन की तैयारियों में जुट गए हैं क्योंकि अगले सप्ताह से वहां पर व्यापारियों की पूछपरख शुरू हो जाएगी और अगले 15 दिनों में इंदौर बाजार में सूरत से माल की डिलिवरी भी शुरू होने लगेगी। इसमें विशेष रूप से लहरियां, बंधनी, चुन्नड़ और रंगबिरंगी डिजाइनों की साड़ियों की डिमांड अगले सप्ताह से सीमित रूप से बाजार में आना शुरू हो जाएगी।