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इंदौर। मध्यप्रदेश में मानसून ने समयानुसार दस्तक दे दी है और 22 जून तक पूरे प्रदेश में मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इधर, किसानों ने बोवनी के लिए खेत तैयार कर रखे हैं। जिन क्षेत्रों में करीब चार इंच से अधिक बारिश हो चुकी है वहां करीबन 22 फीसदी तक सोयाबीन की बोवनी भी होने के समाचार हैं। व्यवसायी मनोहर जिंदल का कहना है 22 जून से 12 जुलाई तक प्रदेश में सोयाबीन की अधिकतम बोवनी हो जाएगी और जुलाई अंत तक सोयाबीन के पौधों की बढ़त सुनिश्चत होने पर किसान बोवनी के बाद बचा हुआ सोयाबीन बाजार में बेचने के लिए लाने लगेगा।
इस साल सोयाबीन अपने पूर्ण रकबे पर बोवनी होकर मानसून अनुकूल रहा तो उत्पादन 115 लाख टन और मौसम कम अनुकूल हो रहा तो 100 लाख टन और प्रतिकूल मौसम रहा तो 85 लाख टन सोयाबीन उत्पादन को नकारा नहीं जा सकता। सोपा के 2014-15 के अनुमान से सोया उत्पादन 98 लाख टन और व्यापारिक अनुमान 91 लाख टन मानें तो 2013-14 के सोयाबीन कैरीफॉर्वर्ड सहित 100 लाख टन सोयाबीन 2015 में उपलब्ध रहा। वायदा मार्केट में सोयाबीन के उच्चतम दाम 8 मई को 4412 रुपए थे जो वर्तमान में घटकर 3575 रु. तक रह गए।
प्लांट डिलिवरी भी सोयाबीन उच्चतम 4250-4300 रु. तक बिककर अब घटकर 3500-3550 रु. रह गया है। इसी प्रकार सोया मील एक्स प्लांट उच्चतम 39500 से घटकर 31500 रु. रह गया। सोया तेल भी उच्चतम 627 से घटकर 610 रु. प्रति किलो रह गया है। पिछले दिनों हुए बारिश से मंदी की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में नए सीजन अक्टूबर से दिसंबर में पिछले सीजन के दाम पुन: देखने को मिल सकते हैं। अगर इस साल रिकॉर्ड उत्पादन 115 लाख टन की स्थिति बनती है तो प्लांट डिलिवरी सोयाबीन के दाम घटकर 2900 से नीचे पहुंच सकते हैं। सूत्रों के अनुसार सोयाबीन की नई फसल सितंबर तक आना शुरू हो जाएगी।
ऐसे में तब तक सोयाबीन के प्लांट डिलिवरी के दाम 3325 रु. से ज्यादा नीचे जाने की गुंजाइश कम है। साल 2014-15 में सोया मील का निर्यात 1 जून तक 5.80 लाख टन, घरेलू पोल्ट्री उद्योग हेतु खपत 28 लाख टन और खाद्य उपयोग (सोया बड़ी और अन्य में ) चार लाख टन सोया मील सहित 37.80 लाख टन सोया मील के लिए 86 लाख टन सोयाबीन खप चुकी है। इसके अलावा 1 लाख टन सोयाबीन पड़ोसी देश में निर्यात और 3 लाख टन आर्गेनिक सोयाबीन निर्यात सहित 1 जून तक 50 लाख टन सोयाबीन की खपत हो चुकी है।
1 जून से 1 अक्टूबर तक 19 लाख टन अनुमानित सोयाबीन की खपत हो जाएगी। बोवनी हेतु भी करीब 10 लाख टन सोयाबीन और खप जाएगा। इस प्रकार 79 लाख टन सोयाबीन की खपत होकर 100 लाख टन में करीब 21 लाख टन सोयाबीन कैरीओवर बचने की संभावना है।
पाकिस्तान ने सोया मील आयात पर 10 फीसदी ड्यूटी लगाई
पड़ोसी देश पाकिस्तान ने सोया मील आयात पर 10 फीसदी ड्यूटी लगा दी है। इससे जो सोया मील भारत का वाघा बॉर्डर से निर्यात होता था, वो घट सकता है। भारत वैसे भी सोया मील के उच्चतम दाम की वजह से निर्यात प्रतिस्पर्धा से बाहर रह सकता है क्योंकि प्रतिस्पर्धा में रहने के लिए आज के परिप्रेक्ष्य में यूएस का सोया मील वायदा दिसंबर 296 डॉलर प्रति शॉट टन है जिसका पड़ता भारतीय पोर्ट पर 375 डॉलर होता है।
नॉन जीएमओ का पड़ता 400 होता है। 400 डॉलर एफएएस काडला के दाम पर 26300 रु. के बताए गए हैं। इसके लिए एक्स प्लांट स्पाट सोया मील 24700 रु. होती है। यदि नवंबर में आवक के दबाव में मंडियां 2600-2650 रु. 10 फीसदी नमी की बिकती है तब थोड़ा निर्यात पड़ता आ सकता है।
- मनोहर जिंदल, व्यवसायी