वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के खम्भे घर के पैर होते हैं, इसलिए वे संख्या में सम होने चाहिए, जैसे 2, 4, 6, 8 आदि। घर को न तो बहुत ऊंचा ही करना चाहिए और न ही अधिक नीचा, इसीलिए अपनी इच्छा और सुविधा के अनुसार भित्ति यानी दीवार की ऊंचाई रखनी चाहिए, घर के ऊपर जो दूसरी मंजिल बनाई जाती है, उसमें भी इसी प्रकार का विचार करना चाहिए। घरों की ऊंचाई के आठ प्रमाण कहे गए है, पांचाल, वैदेह, कौरव, कान्यकुब्ज, मगध, शूरसेन, गांधार और आवन्तिक। ये प्रमाण अलग-अलग वर्ण के लिए उपयुक्त होते हैं।