25 Apr 2024, 03:31:27 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

पूजा घर का आपके जीवन पर ऐसा असर होता है ज्यादातर वास्तुशास्त्री भी पूजा घर को भवन के उत्तर व पूर्व दिशा के मध्य के भाग ईशान कोण में रखने की सलाह देते हैं और जरुरत पड़ने पर घर में तोड़-फोड़ भी कराते हैं। यह सही है कि ईशान कोण में पूजा का स्थान होना शुभ होता है क्योंकि ईशान कोण का 
 
स्वामी ग्रह गुरु है। लेकिन अन्य दिशाओं में भी पूजा घर रखा जा सकता है। घर की विभिन्न दिशाओं में पूजा स्थान होने का प्रभाव किस प्रकार का होता है।
 
ईशान कोण: यहां पर पूजा का स्थान होने से परिवार के सदस्य सात्विक विचारों के होते हैं, उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। परिवार के सदस्यों की आयु बढ़ती है।
 
उत्तर दिशा: यहां पर पूजाघर हो तो घर के मुखिया का सबसे छोटे भाई-बहिन या छोटे बेटा-बेटी कई विषयों के जानकार होते हैं।
 
पूर्व दिशा: यहां पर पूजा का स्थान होने पर घर का मुखिया सात्विक विचारों वाला होता है और वह समाज में इज्जत और प्रसिद्धि पाता है।
 
आग्नेय कोण: यहां पर पूजा का स्थान होने पर घर के मुखिया को रक्त संबंधी परेशानी होने की संभावना रहती है। घर का मुखिया क्रोधी होता है और अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता है। यह सारे निर्णय खुद लेना चाहते हैं।
 
दक्षिण दिशा: यहां पर पूजाघर होने पर या पूजा घर में सोने वाला पुरुष जिद्दी एवं गुस्से वाला और भावना प्रधान होता है।
 
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