गृहिणी का किचन से विशेष नाता रहता है। गृहणियां हमेशा इस बात का ख्याल रखती हैं कि उनका किचन आग्नेय कोण में हो। यदि ऐसा नहीं हो तो किसी भी परेशानी का कारण किचन के वास्तुदोष पूर्ण होने को ही मान लिया जाता है, जो उचित नहीं है। यह सही है कि घर के आग्नेय कोण में किचन का स्थान सर्वोत्तम है, पर यदि संभव न हो तो उसे किसी अन्य स्थान पर बनाया जा सकता है। दक्षिण में किचन होने से परिवार में मानसिक अशांति बनी रहती है। घर के मालिक को क्रोध अधिक आता है और उसका स्वास्थ्य साधारण रहता है।