19 Apr 2024, 04:33:11 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

वास्तु शास्त्र के मुताबिक प्लॉट के चारों कॉर्नर 90 डिग्री पर हो यानि प्लॉट का आकार आयताकार या वर्गाकार हो। यदि प्लॉट उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ा हुआ हो तो भी ठीक है पर दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व में बढ़ा हुआ भूखंड उपयुक्त नहीं होता। दो बड़े प्लॉट के बीच स्थित एक अपेक्षाकृत छोटा प्लॉट आर्थिक समृद्धि के लिए उपयुक्त नहीं होता हें। अगर प्लॉट के उत्तर-पूर्व में कोई पानी का स्थान है तो यह शुभ होगा पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी का स्थान नहीं होना चाहिए। प्लाट टी  पॉइंट पर नहीं होना चाहिए यानि प्लाट के किसी भी दीवार पर आकर कोई रास्ता बंद नहीं हो जाना चाहिए। प्लॉट के सामने कोई मंदिर, मकबरा, श्मशान नहीं होना चाहिए और उस पर न तो मंदिर या पीपल के पेड़ की छाया पड़नी चाहिए।

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