बेडरूम आपका वह स्थान जहां आप अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हेें पुरे दिन काम करने के बाद यह स्थान आपके शरीर और दिमाग को आराम और शांति प्रदान करता हैे यहाँ वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष के स्थान और चीजों के रखरखाव के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं।
बेड रूम के लिए उपयुक्त दिशाये:
मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए।
बच्चों का कमरा उत्तर झ्र पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए और मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर झ्र पूर्व की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में बने कमरा का अविवाहित बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
उत्तर झ्र पूर्व दिशा में देवी झ्र देवताओं का स्थान है इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं होना चाहिए। उत्तर झ्र पूर्व में बेडरूम होने से धन की हानि , काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती है। दक्षिण झ्र पश्चिम का बेडरूम स्थिरता और महत्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है।
दक्षिण झ्र पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा, चिंता, और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण हें जो मुखरता और आक्रामक रवैये से संबंधित है। शर्मीले और डरपोक बच्चे इस कमरे का उपयोग करें और विश्वास प्राप्त कर सकते हैं आक्रामक और क्रोधी स्वभाव के जो लोग है इस कमरे में ना रहे।