घर के कार्यों को लेकर मतभेद शुरु होते हैं, जो आपसी समझबूझ और सामंजस्य से हल हो सकते हैं। किंतु पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सास और बहू के बीच रिश्तों के बिगडऩे और कटुता का कारण वैचारिक मतभेद नहीं बल्कि वास्तु होता है।
सास-ससुर का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और बेटे-बहू का कमरा पश्चिमी या दक्षिण दिशा में।
अगर बेटे-बहू का रूम साउथ-वेस्ट में है, तो उनका सास-ससुर से झगडा रहेगा, डॉमिनेटिंग दिशा होने के कारण यहां घर के बडों को ही रहना चाहिए।
किचन कभी भी घर के सेंटर में ना हो, यह आपसी संबंधों के लिए बेहद घातक है। घर की रसोई नॉर्थ-ईस्ट यानी उत्तर-पूर्व में होगी, तो वहां भी सास-बहू के आपसी क्लेश, मनमुटाव और हमेशा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहेंगी।
गैस के ऊपर बने कैबिनेट काले ना हों। काले रंग से निकनेवाली अलफा रेडिएशन सेहत के लिए ठीक नहीं होतीं और चूंकि महिलाओं का ही अधिकतम टाइम में बीतता है, इसलिए सबसे ज्यादा असर इन्हीं की हेल्थ पर पडता है।
किचन का कलर काला या नीला ना कराएं, इससे घर में नेगेटिविटी आती है। जिससे झगड़ा होने की संभावना बढ़ जाती है।
घर में जितना हो सके लाल रंग का कम इस्तेमाल करें, इससे रिश्तों पर बुरा असर नहीं पड़ता और प्यार बना रहता है।
परिवार के रिश्तों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो बेडरूम में परिवार की तस्वीर को लाल रंग के फ्रेम में लगाएं।