लखनऊ। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर वैमनस्य को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि नफरत वाले बयान देने में 90 प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं। यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव नज़दीक आते ही भाजपा ने समाज को तोड़ने और तनाव पैदा करने की साजिशें तेज कर दी हैं। भाजपा नेता विवादास्पद बयान देकर प्रदेश में अशांति फैलाने और अराजक स्थिति पैदा करने में लग गए हैं। उन्होंने अपने पुराने तरीके जाति-संप्रदाय की राजनीति को अपनाना शुरू किया है। तिल का ताड़ बनाने का यह काम संगठित तरीके से हो रहा है।
भाजपा नेता यह समझने में भयंकर भूल कर रहे हैं कि बुनियादी मुद्दों से ध्यान हटाकर वे मतदाताओं को गुमराह करने में सफल हो जाएंगे। उन्होने कहा कि मोदी सरकार के दौरान नफरत में 500 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। नफरत वाले बयान देने में 90 प्रतिशत भाजपा के नेता हैं। भाजपा के तमाम नेताओं में ऊँटपटांग बयान देने का उद्देश्य समाज के बीच भेदभाव और विषमता पैदा करना है तथा परस्पर सद्भाव के माहौल में जहर घोलना है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा केन्द्र और राज्य में सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रीय मसलों पर कोई ठोस नीति नहीं बना सकी है। भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। साथ ही जनसामान्य की जिंदगी को भी तबाह करने का काम किया है। उसकी प्राथमिकता में कभी गरीब, किसान, नौजवान नहीं रहे हैं इसलिए जनहित की कोई योजना भाजपा सरकारों ने लागू नहीं की है। उन्होने दावा किया कि समाजवादी पार्टी लोकतंत्र, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध है। उसका मानना है कि देश का विकास होगा तो सभी खुशहाल होंगे। किसान और व्यापारी समृद्ध होगा तो अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।