जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर के जिला कारागार में क्षमता से तीन गुना से अधिक कैदियों को रखे जाने से बंदियों अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जौनपुर जिला काराकार अधीक्षक ए के मिश्र ने बुधवार को यहां बताया कि जिला जेल में 320 कैदियों को निरुद्ध करने की क्षमता है, जबकि वर्तमान समय में 1100 से अधिक बंदी जिला कारागार में बंद है। उन्होंने कहा कि जेल के बैरक में क्षमता से अधिक बंदियों के होने के कारण कुछ समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
जेल अधीक्षक ने बताया कि महिला बंदियों के लिए एक बैरक उपलब्ध है, जिसकी क्षमता 20 बंदी की है, जबकि वर्तमान में महिला बैरक में 64 महिला बंदी है। महिला बंदियों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी इसी बैरक में रहते हैं। इन बच्चों के स्वास्थ्य तथा शिक्षा की व्यवस्था के संबंध में पूछे जाने पर जेल अधीक्षक ने बताया कि महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए अंशकालिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ती तथा एक सहायक अध्यापक की नियुक्ति प्रशासन द्वारा की गई है। मिश्र ने बताया की आजीवन सजा प्राप्त कैदियों को निकट के केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया जाता है। कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में पूछने पर जेल अधीक्षक ने बताया कि नैतिकता का पतन थोड़ा बहुत समाज के हर क्षेत्र में दिखाई देता है।
जेल में नियुक्त बंदी रक्षक भी इससे पूरी तरह अछूते नहीं है। उन्होंने कहा कि जेल परिसर पर 30 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है। जेल परिसर में बंदी रक्षकों के जर्जर आवास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया की जेल का स्थानांतरण अन्यत्र किए जाने का प्रस्ताव है इस कारण से कोई नवीन निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता है। जब तक जेल किसी नए स्थान पर शिफ्ट नहीं हो जाती तब तक बंदी रक्षकों को जर्जर आवास में तथा कैदियों को इसी व्यवस्था में रहना पड़ेगा।