बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने एक चकबंदी लेखपाल को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को यहां बताया कि मीरगंज तहसील क्षेत्र के लभेड़ा पुरोहित गांव निवासी नरेश चंद्र का 42 बीघे का एक चक है। इस चक के साथ उसकी कुछ और जमीन आ रही थी। लेकिन चकबंदी विभाग ने इसे कम कर दिया था। श्री नरेश चंद्र ने इसके लिये विभाग में अपील की। अपील के बाद जांच के दौरान उसके हिस्से में और अधिक जमीन होना पाया गया।
आदेश के बाद नरेश चंद्र ने चकबंदी लेखपाल भानु प्रताप सिंह से जमीन की पैमाइश को कहा। लेखपाल ने इसके एवज में लेखपाल 15 हजार रुपए की मांग की। उन्होंने बताया कि लेखपाल रिश्वत न मिलने पर उसके खेत की पैमाइश नहीं कर रहा था। नरेश चंद्र ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन के प्रभारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह से की। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने बुधवार को लेखपाल को सुभाष नगर में स्टेट बैंक के पास गली में अपने आफिस बुलाया। यहां मुलाकात न होने पर ढाई बजे चौकी चौराहा पर बुलाया। यहां भी लेखपाल नहीं मिले। अपराह्न 3.30 बजे सेटेलाइट चौराहे पर मुलाकात तय हुई।
पूर्व योजना के मुताबिक, टीम भी चौराहे पर पहुंच गई। यहां लेखपाल मोटरसाइकिल से चौराहे पर आया। नरेश चंद्र ने उसे दो-दो हजार के सात तथा पांच सौ के दो नोट दिए। इस बीच भ्रष्टाचार संगठन की टीम ने उसे धर दबोचा। बरेली के पुलिस अधीक्षक (सिटी) अभिनन्दन सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने लेखपाल भानु प्रताप सिंह को बुधवार सायं 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था। इस मामले में बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। गुरुवार को उसे जेल भेज दिया गया है।