अमरोहा। बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी गठबंधन के हाथों गोरखपुर एवं फूलपुर संसदीय क्षेत्र में मिली हार से सबक लेते हुये भारतीय जनता पार्टी ने दलितों की नाराजगी दूर कर संगठन को और मजबूत करने के लिये कमर कस ली है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अप्रैल की रात में अमरोहा में चौपाल लगाकर दलित के घर भोजन करेंगे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के कंधों पर है। पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान योगी ने हसनपुर की रहरा जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर हसनपुर तहसील का नाम बदलकर हनुमानपुर कर दिया जाएगा। उत्तराखंड में हरिद्वार के जाने के बाद से प्रसिद्ध पौराणिक महत्व के तिगरीधाम को धार्मिक पर्यटन स्थल घोषित करने तथा गंगा नदी की ओर जाने वाले मार्ग का दोहरीकरण, सौंदर्यीकरण, पक्के घाट, शवदाहगृह आदि के निर्माण की मांग पूरी करने तथा मेहंदीपुर गांव में समस्याओं के अंबार लगे होने से दलित ग्राम प्रधान प्रियंका देवी के घर मुख्यमंत्री के रात्रिभोज के दौरान ग्रामीणों ने बड़ी उम्मीदें लगा रखी हैं।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल से शुरू होकर पांच मई तक चलने वाले ग्राम स्वराज अभियान में भाजपा का दलितों को साधने पर पूरा जोर रहेगा। इस दौरान सर्वाधिक अनुसूचित जाति वाले हर ब्लॉक के एक गांव और हर शहर के एक वार्ड को केंद्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं से संतृप्त किया जाएगा। ग्राम स्वराज अभियान केंद्र सरकार की पहल पर चलाया जा रहा है। प्रदेश सरकार इसमें सक्रिय भागीदारी निभा रही है।
---भाजपा ने खुद को केन्द्र सरकार के अभियान से जोड़Þा
भाजपा ने भी खुद को इस अभियान से जोड़ लिया है। चिह्नित गांवों में चौपाल लगाई जाएंगी और अधिकारी रात्रि विश्राम करेंगे। भाजपा सांसद, विधायक, प्रदेश तथा क्षेत्रीय पदाधिकारी एवं पंचायतों, नगरीय निकायों के प्रतिनिधि भी 4465 ग्राम पंचायतों में रात्रि विश्राम करेंगे। सरकार ने चौपाल के दौरान गांवों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के निर्देश दिए हैं। 22 दिन के इस अभियान का मुख्य फोकस अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों पर है। अनुसूचित जाति बहुल प्रदेश के 821 गांवों तथा 643 वार्डों को केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, सौभाग्य, उजाला, प्रधानमंत्री जन-धन, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा मिशन इन्द्रधनुष के कार्यक्रमों से जोड़ा जायेगा।
'ग्राम स्वराज अभियान' से दलितों में पैठ बनाने की योजना के तहत भाजपा के इस अभियान को अनूसचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों को कमजोर करने के आरोपों से जूझने के बाद दलितों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भाजपा के सांसदों की एक बैठक में 'ग्राम स्वराज अभियान' को अंतिम रूप दिया गया। मोदी ने पार्टी के नेताओं को 14 अप्रैल से पांच मई के बीच कम से कम एक रात ऐसे गांवों में बिताने को कहा है जहां 50 फीसदी से अधिक लोग अनुसूचित जाति व जनजाति के रहते हैं।