लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) लोकसभा के 2019 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर पिछड़ों को एकजुट करने में लग गई है। इसी मकसद से सपा ने पिछडे वर्ग के मौर्य, पटेल, राजभर और कुछ अन्य जातियों के नेताओं को अपने में शामिल किया। शामिल होने वालों में मौर्य समाज के कद्दावर नेता और योगी सरकार के श्रममंत्री के भतीजे प्रमोद मौर्य भी हैं। प्रमोद मौर्य प्रतापगढ की जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रतापगढ़ अपना दल के जिला अध्यक्ष कामता पटेल भी सपा में शामिल हो गए।
पटेल ने अपने अंदाज में कहा,"गाय, गोरु, गोबर और मंदिर को बिना वजह मुद्दा बनाया जाता है, जबकि मुद्दा रोटी, कपड़ा और मकान होना चाहिये। प्रमोद मौर्य और पटेल के साथ ही उनके सैकड़ों समर्थकों को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल किया। इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि उनकी कोशिश है कि समाज के उपेक्षित वर्ग को पार्टी में ज्यादा से ज्यादा शामिल किया जाए।
जमीनी लोगों को बढ़ावा दिया जाए। गरीब, किसान और पिछड़ों को साथ लाया जाए। डिजिटल इण्डिया की बात करने वालों से जनता निराश है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोगों को गुमराह कर रही है। भाजपा ने अपने कार्यों से पिछडों को उपेक्षित कर रखा है। सपा पिछड़ों को सम्मान देगी। गौरतलब है कि 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग की आबादी करीब 40 फीसदी है।
इसमें मौर्य करीब 14 और पटेल (कुर्मी) लगभग 3.2 प्रतिशत हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट के लिये हो रहे उपचुनाव में छोटे दलों से सहयोग लिया जायेगा। भाजपा के खिलाफ बड़े दलों से भी मदद मांगी जायेगी। सपा इलेक्ट्रानिक वोंिटग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से चुनाव कराने के अपनी पुरानी मांग पर कायम है।