इटावा। उत्तर प्रदेश के औरैया की सुमन देवी की कहानी टायलेट एक प्रेमकथा की नायिका से किसी भी मायने मे कम नहीं है। इटावा की रहने वाली सुमन ब्याहकर औरैया पहुंची तो यहां सबसे बड़ी कमी शौचालय की लगी। उसने पति से पहला वचन शौचालय का लिया। उसकी जिद पर पति ने शौचालय बनवा दिया। जिससे सुमन का हौंसला बढ़ा। वह अब गांव के लोगों के साथ शौचालय के प्रति लोगों को जागरुक कर रही हैं। अब तक वह 60 गांवों में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनवा चुकी है।
इसके लिए उसे दिल्ली और लखनऊ में सम्मानित भी किया गया है। इटावा शहर के निवासी इंकम टैक्स अधिकारी आर बी तिवारी की बेटी सुमन चतुर्वेदी समाज शास्त्र से एम ए है। इनका विवाह वर्ष 2000 में औरैया जिले के अछल्दा ब्लाक के गांव औतों निवासी अशोक कुमार के साथ हुआ। वह ससुराल आई तो यहां शौचालय नहीं था। सुहागरात में पति ने उनकी फरमाइश पूछा। इस पर सुमन ने शौचालय बनवाने का वचन लिया। पति ने अगले दिन ही शौचालय बनवाना शुरू कर दिया।
इससे सुमन का हौंसला बढ़ा। उन्होंने पूरे गांव में शौचालय बनवाने के लिए लोगों को प्रेरित करना शुरू किया। पास पड़ोस की महिलाओं से बात की। महिलाओ ने उनकी बात मान ली और अपने पतियों से शौचालय बनवाने का वचन लेने लगीं। बस, यहीं से यह कारवां आगे बढ़ा। जब यह बात प्रशासन को पता चली तो उसने सुमन की नजीर दूसरे गांवों में देनी शुरू की। इससे उनका हौंसला और बढ़ा। अब वह कुछ महिलाओं तथा बच्चों की टोली लेकर गांव-गांव जाकर लोगों को शौचालय के प्रति जागरुक कर रही हैं।