मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के स्कूल के नौ कर्मचारियों को न्यायिक जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया। उन्हें मार्च में 70 नाबालिग लड़कियों के जबरन कपड़े उतरवाने का दोषी पाया गया। बता दें कि 26 मार्च को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की वॉर्डन डॉक्टर सुरेखा तौमर ने लड़कियों के पीरियड्स की जांच करने के लिए उन्हें कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था। इसके बाद लड़कियों ने इस घटना के बारे में अपने परिजनों को बताया जिसके बाद विरोध प्रदर्शन किया था।
डीएम दिनेश कुमार सिंह के हस्तक्षेप के बाद बीएसए ने वार्डन को हटा दिया था और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) के तहत खतौली पुलिस थाने में मामला दायर कराया था।हालांकि तौमर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया। तौमर के मुताबिक स्कूल के टॉयलेट की दीवार और गेट पर खून के निशान मिले थे। इसके बाद लड़कियों से पूछा गया था कि क्या किसी को पीरियड्स में दिक्कत है। तौमर ने कहा कि यह स्कूल के अन्य कर्माचारियों की साजिश है वह मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।