लखनऊ। उत्तरप्रदेश में योगी राज ने जो उम्मीदें जगाई थी, धीरे-धीरे वो कमजोर पड़ती जा रही है। कानून और व्यवस्था को बेहतर बनाने और अपराध के खात्मे का वादा कर सत्ता में आई सूबे की योगी मंत्री अपनी आदतों से बाज़ नहीं आ रहे। अगर इन पर अंकुश न लगा तो बहुत जल्द समाजवाद पार्टी के मंत्रियों जैसे हालात योगी के मंत्रियों के हो जाएंगे।
ताजा घटना में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए प्रदेश के स्टांप, पंजीयन, न्यायालय शुल्क और नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी के बोल बिगड़ गए। अपनी राजनीतिक यात्रा की कहानी बताते-बताते नंदी ने कहा कि उनके राजनीति में आते ही तमाम विरोधी पीछे पड़ गए थे। मेरे ऊपर गोलियां चली और बम चले। हालत ऐसे हो गए कि उन्हें नाले में बच्चों के साथ छिपना पड़ा, गोली का जवाब गोली से दिया, तब यह दिन आए हैं।
उन्होंने कहा कि झगड़े में पुलिस का गनर मारा गया। दो-तीन लोगों की हत्याएं हुई। दसों लोग घायल हुए, यह पद (मंत्री) मजाक में नहीं मिला। अब पद मिल गया है तो ऐसी हनक बनी है कि हमारे दूकानदार भाइयों से हफ्ता मांगने वाले गुंडे-माफिया, अब दुकान वाले उनसे सीधे बोलते हैं- लगाऊ क्या भैया को फोन।
कैबिनेट मंत्री ने विस्तार से सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने अपने भाषण में अपनी पत्नी और संघर्षों का भी जिक्र किया। बोले- पत्नी से यहां तक कह दिया गया था कि सफेद साड़ी का इंतजाम कर लो। मंत्री की बातों पर बीच-बीच में उत्साहित होकर अधिवेशन में मौजूद लोगों ने खूब तालियां बजाई। इसी जोश में वह एक के बाद एक बोल बोलते गए।