लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'चिप' के जरिए पेट्रोल-डीजल चुराने वाले पेट्रोल पम्पों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यूपी (STF) ने गुरूवार रात छापा मारकर 7 पेट्रोल पम्पों को 'चिप' और 'रिमोट कंट्रोल' के जरिए पेट्रोल-डीजल कम मापने के आरोप में रंगे हाथ दबोच लिया।
राज्य के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पेट्रोलियम विभाग इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने जा रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि पेट्रोल पम्पों के लाइसेंस निरस्त होने के साथ ही इसमें आपराधिक केस भी दर्ज किया जा सकता है।
एसटीएफ अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि पेट्रोल पम्पों पर घटतौली के सम्बन्ध में राजेन्द्र नामक युवक को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने पूरा राज खोल दिया।
उन्होंने बताया कि राजेन्द्र के मुताबिक 40 से 50 हजार रुपए लेकर वह पेट्रोलपम्पों में चिप लगा देता था। चिप को रिमोट से कंट्रोल किया जाता था। गाडियों में तेल भरते समय रिमोट के जरिए चिप को एक्टिव कर दिया जाता था जिससे एक लीटर में औसतन 60 ग्राम तेल कम निकलता था।
पाठक ने बताया कि राजेन्द्र ने कबूला है कि उसने लखनऊ के साथ-साथ राज्य में 1000 से ज्यादा पेट्रोल पम्पों पर यह चिप लगाई है। राजेन्द्र को हिरासत में लेने के बाद पेट्रोल पम्पों पर छापे की कार्रवाई शुरु की गई। एक आंकलन के अनुसार इस गोरखधन्धे में ग्राहकों को कई करोड रुपए का चूना लगाया गया।
चिप की कीमत महज 3 हजार रुपए है लेकिन पेट्रोल पंप मालिक हर रोज इससे 50 हजार रुपए की कमाई कर रहे थे। ये चिप लगने के बाद मशीन 6% तक कम पेट्रोल सप्लाई करती है। यानी ग्राहक को एक लीटर पेट्रोल पर 60 ग्राम का नुकसान होता था।