नई दिल्ली। बीफ (गोमांस) को लेकर भाजपा चाहे कितना भी हल्ला मचाए पर सच यह है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद न केवल मांस का निर्यात बढ़ा है बल्कि नए बूचड़खाने खोलने व उनके आधुनिकीकरण के लिए 15 करोड़ रुपए की सबसिडी दी रही है। सबसे अहम बात तो यह है कि भले ही हिंदूवादी संगठन धार्मिक आधार पर इसका विरोध कर रहे हों पर सच्चाई यह है कि देश के सबसे बड़े चार मांस निर्यातक हिंदू हैं।
अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में बीफ के सबसे बड़े निर्यातक के तौर पर भारत ने अपने शीर्ष स्थान पर बरकरार है। उसने ब्राजील के ऊपर भी बढ़त बना ली है। यूएस एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की ओर से जारी एक आंकड़े में भी इसका उल्लेख किया गया है।
गोमांस की अफवाह पर हत्या
भाजपा सरकार ने पहले महाराष्ट्र में गणेश पूजा के दौरान मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा कर विवाद खड़ा किया था। फिर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गोमांस की अफवाह के बाद जिस तरह से एक परिवार पर हमला करके उसके एक सदस्य की हत्या कर दी गई उसने बिहार विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बना दिया। लालू प्रसाद ने गोमांस पर जो बयानबाजी की उससे विवाद और गहरा गया है। संयोग से इसी बिहार में 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने नवादा की सभा में तत्कालीन यूपीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
कांग्रेस सरकार ने टैक्स में दी थी छूट
मनमोहन सिंह सरकार हरित क्रांति की जगह गुलाबी क्रांति (मांस उत्पादन) पर ज्यादा जोर दे रही है। वह मांस उत्पादकों को सबसिडी व टैक्स में छूट दे रही है। पर जब राजग की सरकार बनी तो उसने मांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नए बूचड़खाने स्थापित करने व पुरानों के आधुनिकीकरण के लिए अपने पहले बजट में 15 करोड़ रुपए की सबसिडी का प्रावधान कर दिया। इसके नतीजे सामने आए और पहली बार देश को बासमती चावल की तुलना में कहीं ज्यादा आय मांस के निर्यात से हुई है। उसने पिछले साल 4.8 अरब डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की।
मोदी सरकार में 14% बढ़ी आय
मोदी सरकार द्वारा मांस निर्यात को दिए प्रोत्साहन के नतीजे सामने आए व 2014-15 में मीट निर्यात से होने वाली आय में 14 फीसद की बढ़ोतरी हुई। देश ने चाहे और किसी क्षेत्र में अपना नाम भले ही न कमाया हो पर वह दुनिया का सबसे बड़ा मांस निर्यातक बन गया है। हालाकि बीफ का मतलब गोमांस होता है पर बड़ी तादाद में यहां से भैसों का मांस बाहर भेजा जाता है। आमतौर पर बूढ़े बैलों को काटने की अनुमति है।
भारत के कई राज्यों में गोहत्या प्रतिबंधित
इस रिपोर्ट के अनुसार, गोहत्या भारत के कई राज्यों में प्रतिबंधित है। जिनमें से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं। असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में इसकी अनुमति वध प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही है। हालांकि, अरुणाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में गोवध की अनुमति है।
राजग सरकार ने बूचड़खाने स्थापित किए
राजग की सरकार ने मांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नए बूचड़खाने स्थापित करने व पुरानों के आधुनिकीकरण के लिए अपने पहले बजट में 15 करोड़ रुपए की सबसिडी का प्रावधान कर दिया। ’इसके नतीजे सामने आए और पहली बार देश को बासमती चावल की तुलना में कहीं ज्यादा आय मांस के निर्यात से हुई है। उसने पिछले साल 4.8 अरब डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की। ’वर्ष 2014-15 के दौरान भारत ने 24 लाख टन मीट निर्यात किया जो कि दुनिया में निर्यात किए जाने वाले मांस का 58.7 फीसद है।
भारत पहले नंबर पर
भारत के पहले नंबर पर आने की वजह यह है कि यहां का मांस सस्ता होता है क्योंकि यहां दूध न देने वाले या बूढ़े पशुओं को काट देते हैं, जबकि ब्राजील व दूसरे देशों में मांस के लिए ही पशुओं को पाला जाता है जिन्हें खिलाने का खर्च काफी आ जाता है।