लखनऊ। चुनाव आयोग द्वारा उप्र के सीएम अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी (सपा) का चुनाव चिन्ह मिलने के बाद उनके चाचा शिवपाल यादव अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि अब वह सिर्फ अपने चंद वफादारों से घिरे हैं और जब कोई उनके पास आ रहा है तो उसे वह कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री के पास जाएं। ऐसा ही कुछ उस समय हुआ जब शिवपाल अपने भाई और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के विक्रमादित्य मार्ग स्थित घर के बाहर खड़े थे। शिवपाल के साथ उनके कुछ समर्थक खड़े थे। उसी दौरान शिवपाल के पास टिकट की आस में आए कुछ लोगों को खाली हाथ वापस जाना पड़ा जब शिवपाल ने जवाब दिया, टिकट हम नहीं, मुख्यमंत्री दे रहे हैं। उनकी बातचीत छोटी थी, लेकिन इसी से शिवपाल की बेबसी का पता लग रहा था कि अब उनके पास पार्टी का कोई अधिकार नहीं रह गया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पिता मुलायम सिंह ने अब 38 लोगों की लिस्ट सौंपी है, जिसके बाद टिकटों को लेकर पार्टी में माथापच्ची फिर शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश इनमें से कुछ लोगों का टिकट काटकर बाकी ज्यादातर लोगों को चुनाव में उतराने पर राजी हैं। सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा है कि अपर्णा यादव, ओम प्रकाश, नारद राय को टिकट मिल सकता है, लेकिन अतीक अहमद और अंसारी बंधुओं का टिकट कट सकता है। शिवपाल यादव पर कोई फैसला नहीं किया गया है। नंदा ने साफ किया कि गायत्री प्रजापति अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सपा कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी में कोई सीट छोड़ने के मूड में नहीं है।
जिंदाबाद के लगे नारे, तो कार्यकर्ताओं को रोका
जब कुछ कार्यकर्ताओं ने शिवपाल जिंदाबाद, आदित्य भैया (शिवपाल के बेटे) जिंदाबाद के नारे लगाए, तो शिवपाल ने यह कहते हुए चुप करा दिया कि मैं तुम्हारी एप्लीकेशन नेताजी (मुलायम सिंह) और मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगा। जिसको भी पार्टी टिकट दे उसको चुनाव लड़ाना और जिताना। उन्होंने पत्रकारों से भी बात करने से इनकार कर दिया और कहा कि एक या दो दिन बाद करेंगे। लखनऊ में सभी के लिए यह साफ हो गया कि पार्टी पर नियंत्रण के लिए चल रही इस पारिवारिक खींचतान के अंत में शिवपाल बाहर हो गए हैं।
शिवपाल को चुनाव लड़ने के लिए मनाने में जुटे मुलायम
मुलायम सिंह ने जो लिस्ट दी थी, उसमें शिवपाल यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव का नाम था। इसकी वजह यह है कि खुद शिवपाल यादव ने मुलायम से मिलकर अखिलेश के साथ काम करने की अनिच्छा जाहिर की थी। इसके बाद मुलायम ने शिवपाल के बेटे आदित्य यादव का नाम दे दिया। हालांकि बाद में अखिलेश यादव की तरफ से कहा गया कि आदित्य का जीतना पक्का नहीं है और शिवपाल को ही जसवंत नगर की महत्वपूर्ण सीट पर लड़ना चाहिए। इसके बाद फिर मुलायम ने शिवपाल यादव को बुलाकर ये बात बताई और सूत्रों की मानें तो वे लगभग मान गए हैं।
छोटे दलों को साथ लाने की कोशिश
महागठबंधन के लिए कांग्रेस, रालोद जैसे बड़े दलों के अलावा सपा छोटे दलों पीस पार्टी, भारतीय निषाद पार्टी, अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) को भी समेटने का प्रयास कर रही है। छोटे दलों के लिए सपा ने 10 सीटों का कोटा तय किया है।
उप्र का वनवास खत्म करने के लिए भाजपा लाई 4जी प्लान
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी सपा कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन की तैयारी कर रही है। 14 साल से सूबे में वनवास झेल रही भाजपा ने अब अपने विरोधियों को मात देने के लिए 4जी प्लान तैयार किया है। ये प्लान पूरी तरह से किसान केंद्रित है। भाजपा के इस 4जी प्लान में गांव, गंगा, गीता और गाय के संरक्षण की बात कही गई है। भाजपा के किसान मोर्चा के अध्यक्ष और उप्र के भदोही से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने पार्टी के इस 4जी प्लान की जानकारी दी।