लखनऊ। समाजवादी पार्टी में छिड़ा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सपा में जारी संग्राम के बीच सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश और शिवपाल समर्थक आमने-सामने हो गए। दोनों पक्षों से अपने-अपने नेताओं के लिए नारेबाजी हुई। समर्थकों के बीच हाथापाई भी हुई है। पुलिस ने समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग भी किया।
सपा के भीतर मची कलह को लेकर हुई बैठक के बाद सपा कार्यालय के भीतर और बाहर का माहौल और खराब हो गया। शिवपाल ने अखिलेश यादव के हाथ से उस वक्त अचनाक माइक छीन लिया जब वह अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देने की कोशिश कर रहे थे।
मुलायम सिंह ने अखिलेश और शिवपाल को जबरदस्ती गले मिलवाया और इसके बाद शिवपाल व अखिलेश के बीच मंच पर ही सीधी कहासुनी होने लगी। अखिलेश पहले ही अपनी बात रख चुके थे। इस बीच खुद पर लगे आरोपों की आखिरी में सफाई देने के लिए जैसे ही उन्होंने माइक लिया उनसे माइक छीन लिया गया। इसी बीच उनके समर्थकों में हाथापाई की नौबत आ गई।
मुलायम सिंह द्वारा पार्टी कार्यालय में बुलाई गई बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है। अखिलेश यादव ने भावुक होकर बैठक में कहा- मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं। नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया। मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा। कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। अखिलेश बोलते-बोलते रो पड़े। उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना।
इससे पहले रविवार को अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। थोड़ी ही देर बाद मुलायम ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल को भी पार्टी से निकाल दिया। अब अखिलेश और मुलायम के दो गुट बन चुके हैं और दोनों एक-दूसरे पर बीजेपी से साठगांठ का आरोप लगा रहे हैं। रामगोपाल ने शिवपाल को व्याभिचारी कहा और शिवपाल ने भी रामगोपाल को बीजेपी का एजेंट बताया।
देर शाम सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के घर वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक के बाद मुलायम सिंह ने बाहर निकलकर पत्रकारों से कहा- आज कुछ नहीं बोलूंगा, जो पूछना सोमवार को पूछ लेना।