लखनऊ। उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार की पारिवारिक कलह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। सीएम अखिलेश यादव ने जारी विवाद के बीच आज पार्टी विधायकों के साथ बैठक की। अखिलेश यादव का इस बैठक को करने का मकसद यह था कि वे जानना चाहते थे कि विधायक उनके साथ हैं। बैठक के बाद जिस तरह से अखिलेश ने चाचा शिवपाल को बर्खास्त किया वो यह बताता है कि अब सपा दो भागों में बट चुकी है। सूत्रों के अनुसार अब अखिलेश यादव सपा से बाहर जाने और नई पार्टी बनाने के बारे में सोच सकते हैं।
अखिलेश यादव के समर्थकों ने किया दावा
अखिलेश खेमे के एक सदस्य ने कहा, 'ये आखिरी उपाय और दुखद फैसला होगा लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि अखिलेश यादव के अच्छे काम के दम पर नए संगठन के साथ हम जीत हासिल करेंगे और सत्ता में आएंगे। हमें समाजवादी विचारधारा के सच्चे उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाएगा।'
चुनाव चिन्ह को लेकर अटकलें तेज
अखिलेश यादव की नई पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर लोगों में अटकलें तेज हो गई हैं। एेसा माना जा रहा कि अखिलेश के नए संगठन का नाम प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी जबकि चुनाव चिन्ह मोटरसाइकल हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक अखिलेश के सपोर्टर और पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव हाल ही में दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिले थे, जिसके बाद से अलग पार्टी को लेकर अटकलें शुरू हुई हैं।