लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अपने खिलाफ भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में पिछले दिनों लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं की आपत्तिजनक नारेबाजी पर सफाई दी और इसे लेकर उठे प्रतिवाद को ‘दूषित मानसिकता’ की निशानी बताया।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले एक साल से किस्म- किस्म की ड्रामेबाजी की है। यह किसी से छिपा नहीं है। आंबेडकर की 125 जयंती पर स्मारक आदि बनवाकर दलितों को लुभाने की कोशिश की। कांग्रेस के पैटर्न पर बीजेपी के नेताओं ने दलितों के घर में खाना खाना शुरू कर दिया है। लेकिन दलितों ने इनको धराशायी करके रख दिया है। बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है।
सिंह द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ बसपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन में उनके परिवार की महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक नारेबाजी किए जाने को लेकर उठे विवाद के बीच मायावती ने खुद कमान सम्भालते हुए यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा धरना प्रदर्शन में ‘दयाशंकर सिंह, अपनी मां, बहन बेटी को पेश करो’ के नारे लगाए गए थे, उन्होंने इन नारों को दूषित मानसिकता से देखकर मीडिया में प्रचारित कराया है। उन्होंने पार्टी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी का हवाला देते हुए कहा जिस अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल दयाशंकर ने किया, क्या उनकी मां, बहन और बेटी उसे सही ठहराएंंगी।
हमारे कार्यकर्ताओं ने इसका जवाब लेने के लिए ही उनकी मां, बहन और बेटी को पेश करने को कहा था। नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि धरना प्रदर्शन में दयाशंकर की मां, पत्नी और बेटी के लिए कोई अपशब्द नहीं कहे गए। मायावती ने सिंह की मां को ‘सलाह’ देते हुए कहा अच्छा होता
अगर दयाशंकर सिंह की मां ने अपनी पोती और बहू के आत्मसम्मान को लेकर शिकायत दर्ज कराने के साथ यह भी कहा होता कि एक दलित की बेटी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले दयाशंकर के खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई करायी जाए। उन्होंने ऐसा नहीं किया जिससे आम माताओं बहनों के प्रति उनकी दोहरी मानसिकता जाहिर होती है। उनसे जो कराया जा रहा है वह भाजपा की शह पर दयाशंकर को बचाने के लिये किया जा रहा है।