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स्वयंसेवकों के मन में भरोसा पैदा करना ही शाखा संगम का उद्देश्य: वीरेंद्र

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 20 2020 12:57AM | Updated Date: Jan 20 2020 12:57AM
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झांसी। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के उत्तर प्रदेश की वीरांगना नगरी झांसी में रविवार को आयोजित शाखा समाग्म को सम्बोधित करते हुए  सह क्षेत्र कार्यवाह पूर्वी उत्तर प्रदेश डा.वीरेन्द्र जायसवाल ने कहा कि  जिस प्रकार द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के दौरान विराट रुप दिखाकर अर्जुन को उपदेश देकर युद्ध के लिए तैयार किया था, ठीक उसी प्रकार वर्तमान में डा.हैडगेवार ने स्वयंसेवक को तैयार करते हुए राष्ट्र की हर प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए तैयार किया। उसी स्वयंसेवक के मन में भरोसा पैदा करना ही शाखा समागम का उद्देश्य है।
 
यहां राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित शाखा संगम कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ जयसवाल ने कहा कि  यह सौभाग्य है कि वीरांगना की भूमि पर नदियों के संगम के स्थान पर स्वयंसेवकों का संगम हो रहा है। उन्होंने द्वापर में कृष्ण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि पाप का नाश करने के लिए भगवान कृष्ण ने पांडवों का आ’’ान किया था। कुरुक्षेत्र में जब अर्जुन युद्ध के लिए पहुंचे तो अपने ही परिजनों,गुरुओं व भाइयों को देखकर मोह और भय से कांपने लगे।
 
अर्जुन को मोह और भय से निकालने के लिए भगवान कृष्ण ने विराट रुप में उनका पथ प्रदर्शन करने के लिए गीता का उपदेश दिया था। दसवें अध्याय पर पहुंचते-पहुंचते अर्जुन का मोह दूर हो गया था। फिर भी केशव ने उन्हें आठ अध्याय और सुनाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी केशव के रुप में जन्मे डा.हैडगेवार ने लोगों का मोह और भय दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्माण किया। द्वापर में श्रीकृष्ण ने सत्य और धर्म की स्थापना के लिए कार्य किया।
 
उसी प्रकार वर्तमान केशव ने हिन्दू राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने का संकल्प लिया। उन्होंने शाखा संगम आयोजन के उद्देश्य को प्रकट करते हुए  बताया कि विराट स्वरुप की तर्ज पर इस संगम के माध्यम से स्वयंसेवक में विश्वास पैदा करना है। उन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर बात करते हुए कहा कि जब पीड़ितों के समायोजन की बात की तो विरोधी शक्तियां सक्रिय हो गई। एक माह होने को आया। आगजनी,दंगे और लूटपाट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं।
 
लगातार धरने प्रदर्शन आज तक चल रहे हैं। संघ के सामने आज फिर से चुनौती आ गई है। संघ समाज को शिक्षित कर एकता के सूत्र में बांधने का कार्य कर रहा है। जिस प्रकार भगवान केशव बिना डिगे अपने कार्य में पूर्ण समपर्ण से लगे रहे। उसी प्रकार संघ भी अपने दायित्वों को पूर्ण समर्पित भाव से करने में लगा हुआ है। और अखण्ड भारत को परम वैभव के शिखर तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। संघ का कार्य हथियार उठाना नहीं है बल्कि समाज का मार्ग दर्शन करना है।
 
केशव की तरह कार्य करते हुए जयचंद जैसे गुनाहगारों को ढूढ़ना है। सामाजिक समरसता को चरितार्थ करते हुए पूरे विश्व में भारत को अग्रणी शक्ति बनाने के लिए भी संघ दृण संकल्पित है। उसी का प्रयोग आज महानगर के 11 नगरों की 85 बस्तियों की 94 शाखाओं में किया जा रहा है। इस अवसर पर मंचासीन अधिकारी विभाग संघ चालक राजेश्वर दयाल खरे,महानगर संघ चालक सतीश शरण अग्रवाल समेत अपनी-अपनी शाखाओं में हजारों की संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे ।
 
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