लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को डॉ. आंबेडकर प्रिय योगी आदित्यनाथ सम्मान से सम्मानित किया गया। डॉ. आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर शुक्रवार को यहां आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट द्वारा उन्हें प्रदान किया । इस अवसर पर उन्हें डॉ. आंबेडकर की तीन फिट उंची प्रतिमा भी भेंट की गई। योगी को सम्मान देते हुए ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी कार्यालयों, सरकारी विद्यालयों में आंबेडकर की तस्वीर लगाने के आदेश दिए थे। इससे पूरा प्रदेश आंबेडकर मय हो गया।
डॉ. आंबेडकर और कमजोर वर्गों के प्रति मुख्यमंत्री के विशेष लगाव को देखते हुए ही उन्हें आंबेडकर प्रिय सम्मान से सम्मानित किया गया है। इस मौके पर योगी ने घोषणा की कि डॉ. आंबेडकर अस्थि कलश भवन को भव्य समारक के रूप में बनाया जाएगा, जिसमें ऑडिटोरियम, पुस्तकालय समेत अन्य कई सुविधाएं होंगीं। उन्होंने इसकी कार्ययोजना तैयार करने की बात कही है। योगी ने कहा कि संविधान सभा में बाबा साहेब ने धारा 370 का विरोध किया था, क्यों कि उनका मानना था कि यह भारत के लिए विभाजनकारी होगा और अलगाववादी सोच पैदा होगी।लेकिन कांग्रेस ने इसे अनसुना कर दिया।
डॉ. आंबेडकर के सपनों को साकार करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है। यह सच्ची श्रद्धांजलि है। संविधान दिवस के रुप में 70 वर्ष के बाद बाबा साहेब की स्मृतियों को ताजा करने के लिए विधानसभा में विशेष सत्र का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में डॉ. आंबेडकर की आत्मा बसती है। उन्हें सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाए जाने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के जीवन में खुशहाली लाने के लिए तथा सामाजिक राजनीतिक भेदभाव समाप्त करने का काम मोदी ने किया है। पूरे देश ने स्वीकार किया है कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया है।