प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने की आरोपी रेप पीड़िता विधि छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने बुधवार को यह आदेश दिया। अर्जी पर विधि छात्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि करण जैन, राज्य सरकार के शासकीय अधिवक्ता एस के पाल व चिन्मयानंद की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना था कि छात्रा के साथ स्वामी ने लंबे समय तक दुराचार किया और विरोध करने पर उसे ब्लैकमेल के आरोप में झूठा फंसाया गया है।
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने छात्रा द्वारा नई दिल्ली के लोधी थाने में की गई शिकायत की प्राथमिकी दर्ज नहीं की और मामले की ठीक से विवेचना नहीं की जा रही है। छात्रा का लगातार शोषण किया गया और उसे ही आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया गया है। इस बीच चिन्मयानंद की तरफ से कहा गया कि आरोपी छात्रा ने अपने मित्रो के साथ पांच करोड रुपए की रंगदारी मांगी और स्वामी चिन्मयानन्द को बदनाम करने की धमकी दी। जिसकी रिकॉर्डिंग एसआईटी को सौंपी गई है। पांच करोड़ रुपए नहीं देने के कारण छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ दुराचार का झूठा आरोप लगाया है। एसआईटी ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। छात्रा वीडियो क्लिंिपग्स की मूल कापी छिपा रही है।