लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के फैसले के पहले दशकों तक रामजन्मभूमि की जमीन के विवाद में उलझी रही अयोध्या में अब एक नई बहस शुरू हो गई और ये है आदेश के अनुसार मस्जिद के लिये पांच एकड़ जमीन की । उच्चतम न्यायालय ने पिछले नौ नवम्बर को विवादित जमीन रामलला को सौंप दी और सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोघ्या में ही पांच एकड़ जमीन मस्जिद के लिये देने का आदेश दिया । मस्जिद के लिये जमीन कहां हो अब इस पर बहस शुरू हो गई है । बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी और बबलू खान का कहना है कि मंदिर का पूरा परिसर 67 एकड़ का है जिसे केंद्र सरकार ने 1991 में ले लिया था । दोनों पक्षकार उसी 67 एकड़ में मस्जिद के लिये जमीन चाहते हैं । इकबाल अंसारी ने कहा कि सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया है कि जमीन कहां दी जा रही है। उनका कहना है कि कहा कि किसी अन्य जगह पर वो जमीन स्वीकार नहीं करेंगे । जिस जमीन पर विवाद था वो अयोध्या के परमहंस वार्ड में है । परमहंस वार्ड के पार्षद हाजी असम ने कहा कि जमीन तो 67 एकड़ परिसर में दी जानी चाहिये ।