प्रयागराज। आस्था और धर्म के प्रतीक तीर्थराज प्रयागराज में दुनिया के एकमात्र लेटे हनुमान मंदिर पूरी तरह बाढ़ में डूब गया है। प्रयागराज के कोतवाल कहे जाने वाले बंधवा स्थित हनुमान मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। मंदिर के बगल में कार्यालय की छत पर भी गंगा का पानी भरा दिखलायी पड़ रहा है। दुनिया में शायद यह एकमात्र मंदिर हैं जहां हनुमान जी लेटे मुद्रा में है। इसका विवरण पुराणों में विषद रूप से मिलता है। मंदिर का रख-रखाव लम्बे समय से बाघम्बरी गद्दी करती आ रही है।
मंदिर के व्यवस्थापक महंत नरेन्द्र गिरी ने बताया कि यह मंदिर दुनिया में एक मात्र है जहां रूद्रावतार में हनुमान जी की लेटी मूर्ति है। बांध के नीचे बने इस मंदिर का गर्भ गृह करीब 8 से 10 फिट नीचे है। उन्होने बताया कि मान्यता है कि गंगा मां हर साल बरसात में हनमान मंदिर पहुंचकर हनुमान जी का जलाभिषेक और चरण पखारती हैं। उसके बाद बाढ़ का पानी घटने लगता है।
लेकिन इस बार दोबारा अभिषेक करने के बाद स्थिर हैं। मान्यता है कि मंदिर में लेटे हनुमान जी का गंगा में स्रान देश के लिए सौभाग्य सूचक माना जाता है। पिछले साल गंगा ने हनुमान मंदिर में प्रवेश नहीं किया जिससे पूरे देश में सूखे की स्थिति बनी रही। मंदिर में गंगा का प्रवेश सम्पूर्ण विश्व के लिए कल्याणकारी माना जाता है।
संगम स्रान के बाद हनुमान मंदिर पहुंचकर दर्शन करना सौभाग्यशाली माना जाता है। प्रयागराज आने वाले सभी श्रद्धालु, संत और महात्मा हनुमान मंदिर पहुंचकर अपनी हाजिरी अवश्य लगाते हैं। संगम आने वाले कल्पवासी घर वापसी से पहले यहां आते हैं और भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करते हैं। प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। मंगल और शनिवार को यहां सुबह से श्रद्धालुओं की बडी कतार रहती है।