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संगम नगरी में गंगा-यमुना का रौद्र रूप, हजारों बेघर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2019 1:59PM | Updated Date: Sep 19 2019 2:00PM
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में रूक रूक कर हो रही बारिश के बीच संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आयी बाढ़ से 150 से अधिक गांव जलमग्न है और हजारों लोग अपना घर द्वार छोड़ कर सुरक्षित स्थानो की ओर पलायन कर गये है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के बंधों से छोड़े गए पानी से दोनो नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
 
गंगा फाफामऊ में खतरे के निशान 84Þ 73 मीटर से 35 सेमी ऊपर 85.08 मीटर पर बह रही हैं जबकि नैनी में यमुना लाल निशान को पार कर 85.00 मीटर पर बह रही हैं। रसूलाबाद श्मशान घाट पानी में डूब जाने के कारण वहां अंतिम संस्कार कर्म बाधित है हालांकि बाढ़ के कारण दारागंज में सड़क पर चितायें सजायी जा रही है। बांधों और बैराजों से पिछले दिनो छोड़े गये लगभग 38 लाख क्यूसेक पानी का असर दोनो नदियों में दिखलाई पडने लगा है।
 
नदियों ने रौद्र रूप धारण कर हजारों एकड़ खड़ी फसल को अपनी चपेट में ले लिया है और हजारों लोग बेघर हो गये हैं। शहर के राजापुर,नेवादा, कछार, बेली, मऊ सरैया, नींवा कछार, द्रौपदी घाट, शंकर घाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, चिल्ला, सलोरी, बघाड़ा, सदियाबाद, दारागंज करेली, करैलाबाद और जे के आशियान समेत 35 मुहल्ले और करीब 150 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
 
शहर में 10 तथा देहात में एक बाड़ राहत शिविर खोला गया है जिसमें बुधवार रात तक तीन हजार बाढ़ पीड़ति शरण ले चुके हैं। तटीय क्षेत्रों में बसे मठ-मंदिरों में भी पानी घुस गया है। बाढ़ के कारण झूंसी स्थित टीकरमाफी आश्रम, रामलोचन आश्रम के वेद विद्यालयों में पानी भर गया। कैलाश टेकरी आश्रम, गंगोली शिवाला, योगानंनद आश्रम और प्रभुदत्त ब्रह्मचारी आदि के आश्रम में भी पानी भर गया है।
 
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