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प्रयाग में गंगा-यमुना खतरे के निशान को छूने को बेकरार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 16 2019 2:16PM | Updated Date: Sep 16 2019 2:16PM
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प्रयागराज। तीर्थराज प्रयाग में पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना का  जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 41 और 57 सेंटीमीटर नीचे है। मध्य प्रदेश में बारिश के  कारण बरियारपुर बाँध से केन और माताटीला बांध से बेतवा नदियों में पानी  छोड़े जाने के कारण यमुना और नरौरा तथा कानपुर बैराज से छोड़े जाने के कारण  गंगा का जलस्तर तेजी से बढ रहा है । सिचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी  अभियंता बृजेश कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर सोमवार को सुबह फाफामऊ में  84.32 मीटर, छतनाग में 63.60 मीटर और नैनी में यमुना 84.16 मीटर दर्ज किया  गया है जबकि रविवार को इसी समय क्रमश: 83.78 मीटर,83.04 मीटर और 83.64  मीटर दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि  दोनों नदियों का जलस्तर दो से तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़  रहा है।
 
रात तक गंगा और यमुना खतरे के निशान को पार कर जायेगी । यमुना औरैया में खतरे के निशान से एक मीटर 70 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। शहर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 31 शिविर बनाये गए है जिसमे से  चार में अभी तक 210 लोगो को पहुंचाया गया है। एन डीआरएफ की टीम भी पहुंच गई  है। टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। दोनों नदियों  का जलस्तर बढ़ने से दारागंज, छोटा बघाड़ा, चांदपुर, सलोरी, शिवकुटी,  तेलियरगंज, मेहदौरी, राशूलबद, बेली गांव, बेली कछार, राजपुर, नेवादा,  गौसनागर कैरालाबाग, नैनी, झूसी, फाफामऊ आदि निचले इलाको के मकानों में बाढ़  का पानी घुस गया है। किसानों की कई एकड़ की खड़ी फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई है।
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