प्रयागराज। पहाडों पर बारिश थमने और बंधो से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में तेजी से हो रही कमी के कारण निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के चेहरों में मुस्कान नजर आने लगी है। सिंचाई विभाग (बाढ़ प्रखंड) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे (प्रात:8 बजे से 8 बजे तक) के दौरान पतित पावनी गंगा और यमुना के जलस्तर में क्रमश: गंगा फाफामऊ 43 सेंटीमीटर, छतनाग 55 और नैनी में यमुना 50 सेंटीमीटर घटा है।
गुरूवार की सुबह गंगा फाफामऊ में 82.40 मीटर, छतनाग में 81.52 जबकि नैनी में यमुना का जलस्तर 82.16 मीटर दर्ज किया गया है जबकि इसी समय बुधवार को फाफामऊ में 82.83 मीटर, छतनाग 82.07 और यमुना 82.66 मीटर का जलस्तर दर्ज किया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनडीआरएफ, पीएसी और जल पुलिस की टीम बाढ़ के पानी पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। एनडीआरएफ और गोताखोर स्टीमर पर लगातार चक्रमण कर रहे हैं।
बाढ़ वाले क्षेत्र में रात के समय भी पेट्रोलिंग की जा रही है। जिल में 99 बाढ़ चौकिया बनायी गयी है और उस पर कर्मचारियों को तैनात किया गया है। पिछले कई दिनों से गंगा-यमुना के किनारे बसे निचले मुहल्ले राजापुर, अशोक नगर, छोटा बाघड़ा, ढरहरिया, सलोरी, दारागंज, गऊघाट, सदियापुर, आदि के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण लोगों के चेहरे की खुशी गायब हो गयी थी। निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपना स्थान छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गये थे।
हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी दिल्ली के ओखला बैराज और उत्तराखंड में बारिश का पानी नरौरा बैराज पहुंच चुका है। ओखला बैराज से आठ लाख क्यूसेक से अधिक पानी ओखला बैराज से प्रयागराज के यमुना के लिए चल पड़ा है। नरौरा बैराज से बुधवार को गंगा में पानी डिस्चार्ज 1.20 लाख क्यूसेक से बढ़कर 2.15 लाख क्यूसेक कर दिया गया।
कानपुर बैराज से भी गंगा में पानी 1.45 लाख क्यूसेक से बढ़ाकर दो लाख क्यूसेक कर दिया गया। नरौरा से छोड़ा गया गंगा में पानी कल शाम और ओखला से यमुना में आने वाला पानी रविवार को प्रयागराज पहुंचने से एक बार फिर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की पूरी संभावना है। गंगा और यमुना के निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के चेहरों पर अभी भले ही मुस्कराहट दिखलाई पड़ रही है लेकिन जल्द ही गायब होने की संभावना है।
पीछे से आने वाला बाढ़ का पानी जब प्रयागराज के गंगा और यमुना में पहुंचेगा तब एक बार फिर निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के चेहरे से खुशी काफुर हो जायेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेलवे मार्ग पर स्थित यमुना पुल पर से करीब 250 मेल-एक्सप्रेस और मालगाडियों के प्रतिदिन गुजरने के कारण और यमुना के जलस्तर के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे ने नैनी पुल की निगरानी के लिए स्टीमर और पैदल गैंग तैनात किये हैं।
इसके अलावा उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल की ओर से फाफामऊ रेल पुल और पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल की ओर से झूंसी रेल पुल की निगरानी भी शुरू कराई गयी है।आरपीएफ के जवानों को हिदायत दी गयी है कि अगर कोई अप्रिय चीज देखें या उन्हें किसी पर शक हो तो तत्काल इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दें।