लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल के पहले विस्तार की अटकलें तेज हो गयी है। पिछले लोकसभा चुनाव में सरकार के तीन मंत्रियों के सांसद चुने जाने, परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना बढी हुयी है। लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से रीता बहुगुणा जोशी, कानपुर से सत्यदेव पचौरी और आगरा से एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद तीनों नेताओं ने योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। चारों मंत्रियों के विभाग दूसरे सहयोगी मंत्री संभाल रहे हैं।
योगी आज से दो दिनो के दौरे पर गोरखपुर में है। उनके सोमवार दोपहर तक वापस लौटने की संभावना है जिसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की तारीख तय होने का अनुमान है। सूत्रों का दावा है कि मंत्रिमंडल में 10 से अधिक नये चेहरों को जगह मिलने के आसार है जबकि कुछ राज्य मंत्रियों की पदोन्नति हो सकती है। मंत्रिमंडल से कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी होने का अनुमान है। योगी मंत्रिमंडल में अभी 43 सदस्य है जिनकी संख्या में इजाफा लगभग तय है। योगी ने शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी। राजभवन के सूत्रों ने करीब आधे घंटे की इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया था।
सूत्रों के मुताबिक राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह की फिलहाल कोई सूचना नही है। उन्होने राज्यपाल के सोमवार को दिल्ली रवाना होने की खबरों को भी निराधार बताया। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते है जबकि छह से सात नये चेहरों को महत्वपूर्ण विभाग सौंपे जा सकते है। इसके साथ ही तीन से चार राज्य मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को एम्स में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली का हाल जानने दिल्ली गये थे जिसके बाद उन्होने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी जिसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था।