मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में सावन आते ही ब्रज के मंदिरों में विभिन्न प्रकार के आयोजनों की होड़ लग जाती है। द्वारकाधीश मंदिर में सावन की शुरूवात के दिन बुधवार से हिंडोला उत्सव शुरू हो जायेगा। सावन में ब्रज के मंदिरों का प्रमुख आकर्षण घटा और हिंडोला होते हैं। घटा के माध्यम से मंदिर के जगमोहन में जहां वर्षा ऋतु का जीवन्त प्रस्तुतीकरण किया जाता है वहीं हिंडोला ठाकुर का झूला है जिसे मां यशोदा ही डुलाती हैं।
ब्रज के अधिकांश मंदिरों में यशोदा भाव से सेवा होती है इसलिए लगभग प्रत्येक मंदिर में हिंडोला अवश्य डाला जाता है। ये हिंडोले सोने चांदी से लेकर, फूल पत्ती, जरी, रंग बिरंगे वस्Þत्रों से लेकर फलों तक के बनाए जाते हैं। द्वारकाधीश मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने बताया कि द्वारकाधीश मंदिर में सावन के पहले दिन से ही सोने चांदी के विशालकार्य हिंडोले डाल दिये जाते हैं जो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक डले रहते हैं।
मां यशोदा अपने लाला को हिंडोले में झुला रही हैं और जब उनकी जगह कोई दूसरी सखी हिंडोला झुलाती है तो मां यशोदा उससे कहती हैं। ‘‘मेरो लाला झूले पालना नेक हौले झोटा दीजौ।’’ मां यशोदा बालकृष्ण को रिझाने के लिए नाना प्रकार के हिंडोले बनाती है तथा इसका ही प्रस्तुतीकरण मंदिरों में किया जाता है।