उन्नाव। बिजली,पेयजल,सीवर समस्या और सड़क जैसी तमाम बुनियादी समस्याओं का सामना करने वाले उन्नाव के बाशिदों ने लगभग हर प्रमुख दल के उम्मीदवारों को मौका दिया लेकिन प्राकृतिक संपदा का धनी यह संसदीय क्षेत्र आज भी राज्य के पिछड़े जिलों की फेहरिस्त में शामिल है। लोकसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 29 अप्रैल को यहां के मतदाता एक बार फिर अपने खेवनहार की तलाश करेंगे।
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी साक्षी महराज को अपनी सीट बरकरार रखने के लिये कांग्रेस की अन्नू टंडन और गठबंधन में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महाराज की चुनौती से पार पाना होगा। इससे पहले अन्ना उन्नाव से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज ने उन्हें हराया था। उन चुनावों में साक्षी महाराज को 5,18,834 जबकि अन्ना को 2,08,661 वोट मिले थे वहीं, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ब्रजेश पाठक 2,00,176 और कांग्रेस की अनु टंडन 1,97,098 वोट पाने में कामयाब रहे थे।
सपा ने इलाहाबाद पश्चिम की पूर्व विधायक पूजा पाल को यहां से मैदान में उतारा था, लेकिन पार्टी में उनके विरोध की आवाज उठने पर उनका टिकट काट कर अन्ना महराज पर दांव खेला गया है। महान क्रांतकारी हसरत मोहानी और चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली के तौर पर विख्यात उन्नाव ने देश को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसी विभूति से अलंकृत किया है। गंगा और सई नदी के बीच पड़ने वाले उन्नाव प्राकृतिक संपदा का धनी है लेकिन इसके बावजूद यहां मूलभूत सुविधाओं का सर्वथा अभाव दिखता है।