नोएडा। नोएडा हाईकमान के तमाम प्रयास के बाद भी कांग्रेस में डॉ. अरविद सिंह चौहान का विरोध थम नहीं रहा है। पार्टी हाईकमान की ओर से पर्यवेक्षक भेजने के बाद भी असंतोष जारी है। जिले के वरिष्ठ नेता रघुराज सिंह ने प्रेस वार्ता कर साफ कह दिया है कि यदि प्रत्याशी कांग्रेसी नहीं होगा तो वह उसका साथ नहीं देंगे। साथ ही कहा कि यदि पार्टी उसके बाद भी डॉ. अरविद सिंह को चुनाव लड़ाती है तो वह हर तरह के प्रचार प्रसार से दूर रहेंगे। सिर्फ वोट डालने ही जाएंगे।
बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुराज सिंह ने कहा कि उनकी तीन पीढ़ियों ने पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जिले में दिन रात काम किया। एक मजबूत संगठन तैयार किया। वह गैर कांग्रेसी को प्रत्याशी के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते। मंगलवार को हाईकमान ने अपना प्रतिनिधि हमारे बीच भेजा था। उन्होंने हमारी बात सुनी और हमने अपना पक्ष भी रखा। अब फैसला हाईकमान को करना है। वह कांग्रेस पार्टी के विरोध में नहीं है। वह अपना मत भी पार्टी को ही देंगे, लेकिन प्रत्याशी का प्रचार नहीं करेंगे। वरिष्ठ नेता के इस बयान ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में हलचल कर दी है। अब भी पार्टी का एक धड़ अपने वरिष्ठ नेता को मनाने में लगा है। उधर, डॉ अरविद सिंह चौहान ने फेसबुक लाइव कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पैसे देकर टिकट लेने का आरोप निराधार है। अगर यह अरोप साबित हो गया तो राजनीति से छोड़ दूंगा।
महेश शर्मा को लिया आड़े हाथ
इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देश के संस्कृति मंत्री का इस तरह की भाषा का प्रयोग करना बहुत शर्मनाक है। क्षेत्र की जनता उनके इस व्यवहार का जवाब चुनाव में देगी। भाजपा की हमेशा से अमर्यादित भाषा प्रयोग करनी की परंपरा रही है। उनको इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। इसको लेकर उन्हें जनता के बीच आकर माफी मांगनी चाहिए। रघुराज सिंह ने कहा कि यदि पार्टी हाईकमान अपना फैसला नहीं बदलती है, तो उनका ये विरोध का तरीका भी बदल सकता है। ये विरोध किस तरह का होगा ये हाईकमान के फैसले के बाद ही तय किया जाएगा। इसके लिए अभी लोगों को इंतजार करना होगा। रणनीति अभी नहीं बताई जा सकती।
काबिलियत पर मिला टिकट- अरविद
उधर कांग्रेस प्रत्याशी ने टिकट खरीदने के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए वीडियो में कहा कि यदि कोई भी इस आरोप को साबित कर देता है तो वह राजनीति छोड़ देंगे। साथ ही कहा कि उन्हें ये टिकट उनकी काबिलियत पर मिला है। उन्होंने पार्टी में आवेदन किया था जहां जांच परख कर ये फैसला पार्टी ने लिया। एक युवा को टिकट मिलना कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है। उनका जिले से काफी पुराना रिश्ता है। कक्षा नौवीं से वह यहां रह रहे हैं। इस जिले को वह काफी करीब से जानते और समझते हैं।