वाराणसी। सरकार ने प्रवासी भारतीय समुदाय से नये भारत के निर्माण में बढ़चढ़ कर योगदान देने का आह्वान करते हुए कहा कि उसे प्रवासी भारतीयों का पैसा नहीं बल्कि उनकी ताकत, सुझाव एवं प्रौद्योगिकी चाहिए जिससे देश को विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ाया जा सके। विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने पंद्रहवें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि वर्ष 2003 में शुरू इस आयोजन का उद्देश्य निवेश लाना नहीं है हालांकि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बसे प्रवासी भारतीय हर साल देश में करीब 72 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा स्वदेश में भेजते हैं। जनरल सिंह ने कहा, 'हमारा उद्देश्य उनका निवेश पाना नहीं है। हमें उनकी ताकत, उनके सुझाव और प्रौद्योगिकी चाहिए जिससे भारत की विकास यात्रा में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो और देश तेजी से आगे बढ़ सके।'
उन्होंने कहा कि इस बार के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में कचरा प्रबंधन, सौर ऊर्जा में दक्षता वृद्धि, कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा साइबर सुरक्षा के विषयों के साथ नये भारत के निर्माण में प्रवासियों के योगदान तथा संकट में फंसे भारतीयों की मदद के लिए प्रवासी भारतीय संगठनों की भूमिका पर सत्र आयोजित किये गये, जिसमें बहुत रचनात्मक एवं सारगर्भित चर्चाएं हुईं हैं। इन विषयों पर प्रवासियों एवं विशेषज्ञों की संयुक्त समिति की सिफारिशों पर सरकार की कार्रवाई रिपोर्ट भी पेश की गयी। इस रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद उसे देश की शासन प्रणाली में प्रवासियों के सुझावों को जगह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 2015 के बाद किये गये बदलावों से इस कार्यक्रम की सार्थकता बढ़ी है।
---90 से अधिक देशों से आए प्रवासी भारतीय
उन्होंने बताया कि इस बार 90 से अधिक देशों के 7228 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया था। सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल अमेरिका से 487 सदस्यों का आया है। दूसरे नंबर पर 440 सदस्यों के साथ मलेशिया से, तीसरे स्थान पर 413 सदस्यों के साथ मॉरीशस से और 404 सदस्यों के साथ संयुक्त अरब अमीरात का प्रतिनिधिमंडल है। वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित सम्मेलन स्थल पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी गयी है।
---आज कुंभ स्नान के लिए रवाना होंगे एनआरआई
गुरुवार को प्रवासी मेहमान प्रयागराज में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक एवं आध्यात्मिक समागम ‘कुंभ’ के लिए रवाना होंगे। उनके लिए कुंभ क्षेत्र में ठहरने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि 3000 हजार से अधिक प्रवासियों को प्रयागराज ले जाने के लिए करीब 200 बसों की व्यवस्था की गई है।