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पंजाब में छंटे 'बादल', कैप्टन ने फिर लगाई कांग्रेस की नैया को पार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 11 2017 4:11PM | Updated Date: Mar 11 2017 4:14PM
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चंडीगढ़। पंजाब में अब बादल राज खत्‍म हो गया है। राज्‍य की जनता ने 10 साल बाद राज्य की सत्ता शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन से छीन ली है और दोबारा कैप्टन अमरिंदर सिंह के हाथों में सौंप दी है। दो-तिहाई बहुमत के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह विधानसभा में कमान संभालेंगे। आज मतगणना में चुनाव परिणाम सामने आने के बाद सारी कयासबाजी खत्‍म हो गई। 
 
कांग्रेस पंजाब में आठवीं बार सरकार बनाएगी और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह दूसरी बार राज्‍य के मुख्‍यमंत्री का पद संभालेंगे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरिंदर सिंह को कांग्रेस की जीत पर बधाई दी। इसके साथ ही उन्हें जन्मदिन की भी बधाई दी है। पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा की 76 सीटों पर कांग्रेस आगे है, जबकि शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन 18 और आम आदमी पार्टी 21 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
 
पंजाब में कांग्रेस की नैया को पार लगाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह कई बार कांग्रेस पार्टी की साख को बचा चुके हैं। पांच राज्यों के चुनावी नतीजे कांग्रेस के लिए ज्यादा अच्छे नहीं रहे। लेकिन कैप्टन ने जिस तरह पंजाब में कांग्रेस के झंड़े को फहराया है उससे कांग्रेस नेताओं में खुशी की लहर है। कैप्टन लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस की साख को बचा चुके हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली को हराया था। इस सीट पर बीजेपी लगातार तीन बार चुनाव जीती थी। लेकिन अमरिंदर ने ये चुनाव जीत कर कांग्रेस की डूबती नैया को पार लगाया था। 
 
कैप्टन ने लोकसभा चुनाव में जेटली 1 लाख से ज्‍यादा वोटों से हराया था। बता दें 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी की आंधी से बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था।  लेकिन इसके बावजूत कैप्टन की ये जीत काफी बड़ी थी। अमरिंदर सिंह पांच बार पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए जिसमें से तीन बार पटियाला (शहरी), सामना और तलवंडी साबो से एक-एक बार चुनाव जीता।
 
कांग्रेस में शामिल होने के बाद अमरिंदर सिंह 1999 से 2002 और 2010 से 2013 तक पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे और इस बीच 2002 से 2007 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। बता दें कि 2017 में पंजाब चुनावों को ध्यान में रखते हुए 27 नवंबर 2015 को अमरिंदर सिंह को एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंप दी गई। कैप्टन ने इस चुनाव से पहले ही घोषणा कर दी थी कि ये उनका आखिरी चुनाव है। 
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