नई दिल्ली। आज पांच राज्यों के चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। मणिपुर में वोटों की गिनती जारी है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब में जीत-हार की तस्वीर साफ हो चुकी है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ज़बरदस्त तरीके से जीत हासिल की है। बीजेपी का यूपी में 16 साल का वनवास खत्म हुआ है जबकि उत्तराखंड में उसने इस बार वापसी की है।
पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे बताते हैं कि बीजेपी ‘किंग’ बनकर उभरी है। इन दोनों राज्यों में नतीजे पूरी तरह से एकतरफा रहे। उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने इतिहास रचते हुए 320 से ज्यादा सीटें जीतने जा रही है। अमित शाह समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने इस जीत का श्रेय नरेंद्र मोदी को दिया है। वहीं उत्तराखंड में बीजेपी ने कांग्रेस को धूल चटा दी है। खुद सीएम हरीश रावत हरिद्वार और किच्छा दोनों सीटों से हार गए।
लेकिन जिस ‘मोदी मैजिक’ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी को इतनी बड़ी जीत हासिल करा दी, वो पंजाब गोवा और मणिपुर में चलता नहीं दिखा। गोवा और मणिपुर में कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है। वहीं पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में कांग्रेस को भारी बहुमत हासिल हुआ है। आज सिंह का 75वां जन्मदिन भी है, पंजाब की जीत उनके लिए जन्मदिन का बेहतरीन तोहफा बनकर मिली है। उन्होंने पटियाला सीट पर 51000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।
उत्तर प्रदेश में मोदी की सुनामी
उत्तर प्रदेश नतीजों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को आख़िरकार केसरिया होली खेलने का मौका दे ही दिया। प्रदेश में मोदी लहर ने राम मंदिर मुद्दे से भी ज्यादा असर दिखाया जिसके चलते 403 सीटों वाले यूपी में बीजेपी ने 320 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर ली। सपा-कांग्रेस गठबंधन 50 सीटों के आसपास ही सिमटकर रह गई। प्रदेश की जनता ने अखिलेश के ‘काम बोलता है’ नारे को पूरी तरह से अनसुना कर दिया। अब तक माना जाता था कि प्रदेश का युवा वर्ग अखिलेश को पसंद करता है, लेकिन नतीजों में ये बात साफ हो गई है कि युवा वर्ग ने भी बीजेपी को अपना समर्थन देना ज्यादा पसंद किया। वहीं मायावती की पार्टी बीएसपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। बीएसपी 20 का आंकड़ा भी छूती नज़र नहीं आ रही। इस तरह के नतीजे बीएसपी के भविष्य पर भी सवाल खड़े करते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी इस पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी। हालांकि मायावती इस हार को स्वीकार करती हुई नहीं दिख रही हैं। मायावती ने नतीजों में अपनी हार को देखते हुए इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा और धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने मोदी और शाह को दोबार चुनाव कराने की भी चुनौती दी।
उत्तराखंड में कांग्रेस साफ
यहां बीजेपी के तूफान ने मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत पूरे कांग्रेस को सूखे पत्ते की तरह उड़ा दिया। ख़बर लिखे जाने तक यहां की 70 सीटों में से बीजेपी 50 से ज्यादा सीटों पर जीत रही है। यहां सत्तारूढ़ कांग्रेस केवल 10 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है । यहां बीजेपी के तूफान में मुख्यमंत्री हरीश रावत की जड़ें भी उखड़ गई। उन्हें हरिद्वार ग्रामीण सीट से भाजपा के यतीश्वरानंद ने हराया। वह अपनी दोनों सीटों हरिद्वार (ग्रामीण) और किच्छा से हार गए। इस हार के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल के.के पॉल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। फिलहाल, हरीश रावत नए मुख्यमंत्री के शपथग्रहण तक मुख्यमंत्री कार्यवाहक के तौर पर काम करेंगे।
बीजेपी उत्तराखंड में भले ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे रही है लेकिन रानीखेत से चुनाव लड़ रहे राज्य के बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के करन महारा ने 4 हजार से ज्यादा वोट से हराया है। वहीं कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा पर भी सबकी नजरें थी। सौरभ बहुगुणा ने सितारगंज से जीत हासिल की।
पंजाब में कैप्टन का करिश्मा
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बुरी तरह से हारने वाली कांग्रेस को उतने ही ज़बरदस्त तरीके से पंजाब में जीत हासिल हुई है। कहा जा सकता है कि इस जीत ने कांग्रेस को ढांढ़स बंधाने का काम किया है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रही। शानदार प्रदर्शन करते हुए यहां पार्टी ने (ख़बर लिखने तक) 69 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि नौ पर आगे है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन केवल 17 सीटें (अकाली दल-14, भाजपा-तीन) जीत सकी है। यहां पहली बार चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है, जिसने 20 सीटें जीती हैं। पार्टी को इस सीमावर्ती राज्य में सरकार बनाने लायक बहुमत की उम्मीद थी, लेकिन इस लिहाज से परिणाम उसके लिए निराशाजनक रहा है। हालांकि राज्य में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरने को पार्टी ने एक उपलब्धि बताया।
गोवा में कड़ी टक्कर
गोवा में कांग्रेस को बीजेपी पर मामूली बढ़त मिली है। खबर लिखे जाने तक कांग्रेस 14 सीटें जीतकर दो पर आगे है, जबकि भाजपा 12 सीटों पर जीत के साथ एक पर आगे है। वहीं, इस तटीय राज्य में जोर-शोर से चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाली आप अभी तक कहीं नजर नहीं आ रही है। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड को तीन-तीन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को एक सीट हासिल हुई है।
इन चुनाव का सबसे चौंकाने वाला नतीजा ये रहा कि मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर मंद्रेम सीट से कांग्रेस के दयानंद सोप्टे से करीब 7,119 मतों के अंतर से चुनाव हार गए। इस हार से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका लगा है। पारसेकर संवाददाताओं से बात किए बिना ही पणजी में मतगणना केंद्र से बाहर निकल गए, वहीं दयानंद सोप्टे ने अपनी जीत का श्रेय अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा कि लोग पारसेकर के काम से नाखुश हैं।
मणिपुर में भी बराबरी की टक्कर
मणिपुर में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है। कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस दो-चार सीटों के मामूली अंतर से एक-दूसरे से आगे-पीछे हो रही है। फिलहाल, कांग्रेस आगे नजर आ रही है। पार्टी 19 सीटें जीतकर चार पर आगे है, जबकि बीजेपी 18 सीटें जीतने के साथ पांच सीटों पर आगे है। यहां थउबल विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने आयरन लेडी के नाम से मशहूर इरोम शर्मिला को हरा दिया है।