पूर्णिया। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाईटेड की गठबंधन सरकार को सभी मोर्चे पर विफल बताया और कहा कि ‘डबल इंजन’ की इस सरकार में एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में लिप्त है। यादव ने पूर्णिया जिले के जलालगढ़ प्रखंड में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू की डबल इंजन की सरकार है। एक इंजन अपराध में तो दूसरा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर कहा कि पहले उन्होंने खुद को चाय वाला बताया, अब देश के चौकीदार बने है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री यदि चौकीदार हैं तो देश की जनता थानेदार है। यादव ने तंज कसते हुए कहा कि जब चौकीदार ठीक से काम नहीं करता है तो थानेदार दंडित करता है। मोदी की चौकीदारी में विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे लोग देश छोड़कर भाग चुके हैं। प्रधानमंत्री की चौकीदारी में बिहार में सृजन घोटाला हुआ तो देश मे राफेल घोटाला हो गया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर इन घोटालों की अबतक निष्पक्ष जांच क्यों नहीं की गयी। नेता प्रतिपक्ष ने लोकसभा चुनाव को देश के लिए बड़ी लड़ाई बताते हुए कहा कि यह एक व्यक्ति, पार्टी या गठबंधन की लड़ाई नहीं है।
यह लड़ाई देश एवं संविधान को बचाने के साथ-साथ आरक्षण को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आरक्षण और संविधान को समाप्त करना चाहती है। सभी को इस लड़ाई में एकजुट होने की जरूरत है। यादव ने मोदी सरकार को आरक्षण विरोधी करार देते हुए कहा कि भाजपा और उसके गठबंधन की सरकार यदि दोबारा सत्ता में आयी तो आरक्षण भी खत्म कर देगी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को फंसाने का भी आरोप लगाया और कहा कि यदि उनके पिता आज जेल से बाहर होते तो कोई भी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महागठबंधन हमेशा से सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की बात करती है लेकिन केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह यहां के लोगों को पकिस्तान भेजने की बात करते है। उन्होंने नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान करने और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गोद में बैठने का आरोप लगाया। यादव ने मधेपुरा सांसद पप्पू यादव का बिना नाम लिए उन्हें भाजपा का एजेंट बताया। उन्होंने कहा कि हर बात पर रोने एवं एक्टिंग करने के अलावा उसके पास कोई काम नहीं है। पहले उन्होंने घोषणा की थी यदि दोनों भाई जीत गए तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे, लेकिन अब क्या हुआ। उन्होंने लोगों से महागठबंधन उम्मीदवार को भारी बहुमत से विजय बनाने की अपील की।