भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी व्ही.एल.कान्ता राव ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2019 में ईव्हीएम का परिवहन करने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा निर्वाचन के दौरान मतदान दलों को मतदान केन्द्र तक लाने-ले जाने में उपयोग होने वाले वाहन, सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा मतदान के दिन अपने वाहनों में रिजर्व ईवीएम का परिवहन एवं मतदान उपरान्त रिजर्व मशीनों को जिलों से राज्य स्तरीय वेयर हाउस तक लाने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाया जाएगा, जिससे वाहनों की लोकेशन ली जा सकेगी। वाहनों के ट्रैकिंग के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश के 141 अधिकारी 2019 में होने वाले लोकसभा/विधानसभा निर्वाचन में प्रेक्षक के रूप में नियुक्त होंगे। इनमें 80 आई.ए.एस, 26 आई.पी.एस. और 35 राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होंगे। कांताराव ने बताया कि मतदान दिवस पर मतदान केंन्द्रों पर रैम्प, पीने के पानी, आवश्यक फर्नीचर, मेडिकल किट, आवश्यक विद्युत, हेल्प डेक्स, उपयुक्त संकेतक, शौचालय, छाया, मतदाता के साथ आये बच्चों के लिए शिशु-गृह, दिव्यांगजनों के लिए परिवहन तथा स्वयंसेवकों की व्यवस्था की जायेगी।
मतदान केन्द्रों पर मतदाता सुगमता पोस्टर की व्यवस्था भी रहेगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में 65 हजार 283 मतदान केन्द्र है। एक लाख 2 हजार 82-बैलेट यूनिट 82 हजार 501- कन्ट्रोल यूनिट तथा 84 हजार 311-व्हीव्हीपीएटी फर्स्ट लेवल चेकिंग के उपरांत निर्वाचन के लिए उपलब्ध है। ईव्हीएम/व्हीव्हीपीएटी का प्रथम रेण्डमाईजेशन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित साफ्टवेयर- ईव्हीएम मेनेजमेंट सिस्टम से 28 मार्च से 30 अप्रैल तक किया जायेगा।