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Lifestyle

सतपुडा की रानी है पचमढी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 4 2017 12:25PM | Updated Date: Jun 4 2017 12:25PM
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कई बार मन करता है कि ऐसी कोई जगह हो जहां बन्द कमरों से निकलकर कुछ पल के लिये कुदरती शीतलता का एहसास कर सकें। तो आइये, ले चलते हैं इस बार आपको ऐसी ही जगह जहां देता है हर मौसम आपको आमंत्रण...

सतपुडा के घने जंगल जहां है कुदरत की वह जीवंतता, जो हर मौसम के साथ इठलाती है, उल्लास भरी अंगडाईयां लेती है और आमंत्रण देती है आपको अपनी मनोरम दृश्यावली से सजी हुई गलियों में विचरने का. जीवंतता से भरे हुए इन विशाल जंगलों के बीच ही है सतपुडा की रानी यानी पचमढी। 

डर नहीं पैदा करते ये जंगल

सतपुडा के जंगल पूरी दुनिया में बाघों का सबसे बडा घर भी है और पचमढी वह जगह है जहां से आप सतपुडा नेशनल पार्क और बोरी सेंचुरी जैसे इन घरों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। कान्हा और पेंच जैसे राष्ट्रीय उद्यान भी यहां से ज्यादा दूर नहीं हैं। पचमढी पूरी तरह से जंगल की आभा से घिरी हुई जगह है, लेकिन ये जंगल किसी भी तरह का डर पैदा नहीं करते, बल्कि कई तरह के फूल-पत्तों से सजी सुन्दरता से आपको सुकून ही पहुंचाते हैं। हर साल की गर्मियों में लाखों सैलानी मध्य प्रदेश के इस छोटे से लेकिन विलक्षण सुन्दरता से भरे पर्यटन केंद्र की ओर इसी सुन्दरता के कारण खिंचे चले आते हैं।

अनूठी अल्हडता

प्रकृति की इस अल्हड संतान की अपनी भी खासियतें हैं। महादेव गुफा इसके आकर्षण का बडा केंद्र है, जहां पत्थरों पर की गई अनूठी चित्रकारी बरबस ही आपका ध्यान आकर्षित करती है। कहते हैं कि यह चित्रकारी 5 से 8वीं शताब्दी के बीच की गई थी। कुछ चित्र तो इससे भी दस हजार साल पुराने बताये जाते हैं। जमुना प्रपात, रजत प्रपात और जलावतरण प्रपात तो जैसे पचमढी की अल्हडता के गीतों का सामुहिक गान हैं। जमुना प्रपात में जहां आप झरने के किनारे बैठने से लेकर नहाने तक का लुत्फ उठा सकते हैं, वहीं हांडी खोह के पेड-पौधे तो आपको किसी और ही दुनिया का आभास करायेंगे। भगवान शिव से जुडे हजारों साल पुराने मन्दिरों जटाशंकर गुफा, महादेव और छोटा महादेव मन्दिर की प्राकृतिक मनोहारी छटा जहां धार्मिक लोगों को आकर्षित करती है, वहीं प्रकृति प्रेमियों को भी। पुरातनकालीन पांडव गुफा भी आकर्षण का बडा केंद्र है। कहते हैं कि वनवास के दौरान पांडवों ने यहीं पर अपना अज्ञातवास बिताया था। इसके साथ ही धूपगढ की ऊंची पहाडी से सांझ के डूबते सूरज की लालिमा को निहारने का दृश्य शायद ही कभी भूल सकें आप।

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