अंग्रेजों के शासन के दौरान ठहरने और एशो-आराम के लिए हिंदुस्तान में प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कई जगहें तलाशीं गई थी। ये जगहें भारत में शिलांग व नागालैंड, हिमाचल, उत्तराखंड और मुंबई (महाराष्ट्र) के तलाशें गए हिल स्टेशन हैं। ऐसे ही 1823 में चिखलदरा हिल पॉइंट खोजा था, जो कि आज ऐतिहासिक दुर्गों की वजह से फेमस है। आज हम आपको घुमाने के लिए चिखलधरा लेकर जाएंगे। यह महाराष्ट्र में मेलघाट टाइगर रिजर्व के पास, वृहद सतपुड़ा पर्वत श्रेणी का ही एक हिस्सा है।
चिखलधरा
अंग्रेजों ने इस स्थान को कॉफी प्लांटेशन और स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए विकसित किया था। यह प्राकृतिक मनोरम दृश्यों के साथ ही सुंदर झीलों, प्राचीन दुर्गों और वन्यजीवन के लिए मशहूर है। महाराष्ट्र में ही महाबलेश्वर सबसे बड़ा हिलस्टेशन है।
पंचबोल पॉइंट
पंचबोल पॉइंट की सुंदरता अद्भूत है। यहां कॉफी के बागान हैं। साथ ही गहरी घाटी से लगी पांच पहािड़यों की शृंखला और उनसे गिरते कई झरने भी नजर आते हैं।
देवी पॉइंट
यहां भी बारिश के मौसम में कई जलप्रपात और अन्य सुंदर जलधाराएं नजर आती हैं। इसके पास ही स्थानीय देवी माता का मंदिर है। इस मंदिर में एक जलधारा सालभर बहती रहती है।
गविलगढ़ दुर्ग
अमरावती जिले में स्थित इस दुर्ग को 300 साल पहले गवली के राजा ने बनवाया था। पर्यटक यहां की गई नक्काशी और लोहे, कांसे व तांबे से निर्मित तोपों को देखें। सकते हैं।
कहां ठहरें
यहां महाराष्ट्र पर्यटन विभाग द्वारा संचालित एक होटल है। इसके अलावा कई निजी होटल भी उचित किराए पर उपलब्ध हैं।
कैसे पहुंचें
निकटतम हवाई अड्डा 240 किलोमीटर दूर नागपुर है। निकटतम रेलवे स्टेशन 100 किलोमीटर दूर अमरावती है।