29 Mar 2024, 13:39:16 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

पाषाण पर उकेरे गए जीवन के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करते खजुराहो के गगनचुंबी देवालय आज विश्व भर में विख्यात हैं। मध्यकालीन भारत के चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए मध्य प्रदेश में यह मंदिर अपने निर्माण के एक हजार वर्ष पूरे कर चुके हैं। मंदिरों की उत्कृष्ट वास्तुकला, उनकी भित्तियों पर जड़ी सर्वोत्तम मूर्तिकला तथा सुव्यस्थित शिल्पकला  के कारण इन भव्य मंदिरों का नाम आज यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में भी दर्ज है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो के मंदिरों की दीवारों पर बनी कामक्रीणारत मूर्तियों के लिए भी जाना जाता है।

पश्चिमी, पूर्वी व दक्षिणी समूहों के मंदिर
भौगोलिक स्थिति के आधार पर मंदिरों को पश्चिमी, पूर्वी व दक्षिणी समूहों में बांटा गया है। इसमें पश्चिमी मंदिर समूह में यहां के महत्वपूर्ण मंदिर हैं। खजुराहो का सबसे प्राचीन मंदिर मतंगेश्वर मंदिर है। जिसे राजा हर्षवर्मन ने 920 ई में बनवाया था। इन मंदिरों में यही एकमात्र मंदिर है, जिसमें आज भी पूजा अर्चना होती है। पिरामिड शैली में बने इस एक ही शिखर वाले मंदिर की शिल्प रचना साधारण है। गर्भगृह में एक मीटर व्यास का ढाई मीटर ऊंचा शिवलिंग है। मतंगेश्वर मंदिर के सामने ही मंदिरों का मुख्य परिसर है। जिनकी देखरेख पुरातत्व विभाग द्वारा की जाती है। लक्ष्मण मंदिर पंचायतन शैली में बना है। इसके चारों कोनों पर एक-एक उप मंदिर है। मुख्य द्वार पर रथ पर सवार सूर्यदेव की प्रतिमा बनी है। बाहरी दीवारों पर मूर्तिकला का भव्य प्रदर्शन है।

विश्वनाथ मंदिर
खजुराहो का विश्वनाथ मंदिर भी पंचायतन शैली में बना है, पर इसके उपमंदिरों में दो ही शेष हैं। 90 फुट ऊंचा व 45 फुट चौड़ा यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। गर्भगृह की दीवारों पर शिव के कई रूप चित्रित हैं। मंदिर के सामने मंडप में शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा है। इस मंदिर के निकट ही पार्वती मंदिर है। चित्रगुप्त मंदिर के गर्भगृह में सात घोड़ों के रथ पर सवार सूर्य भगवान की प्रतिमा है। निकट ही चित्रगुप्त की प्रतिमा भी है। मंदिर की बाहरी दीवारों पर अन्य मूर्तियों के मध्य उमा-महेश्वर, लक्ष्मी-नारायण व विष्णु के विराट रूप की मूर्तियां हैं। जनजीवन की मूर्तियों में श्रमिकों की मूर्तियां मंदिर निर्माण के दौर को दशार्ती हैं।

कंदारिया महादेव मंदिर
कंदारिया महादेव मंदिर खजुराहो का सबसे विशाल और विकसित शैली का मंदिर है। सप्तरथ शैली में बने 117 फुट ऊंचे इस मंदिर का निर्माण राजा विद्याधर ने 1065 के आसपास करवाया था। इसकी बाह्य दीवारों पर कुल 646 मूर्तियां हैं तो भीतर भी 226 मूर्तियां हैं। इतनी मूर्तियां किसी अन्य मंदिर पर नहीं हैं। मंदिर के सरदल पर शिव की चारमुखी प्रतिमा के साथ ब्रह्मा एवं विष्णु भी विराजमान हैं। गर्भगृह में संगमरमर का विशाल शिवलिंग है।

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