अगर आप भारत में घूमने के शौकीन है तो हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में जानकारी दे रहे जो आपको आश्चर्यचकित कर देंगे तथा यह स्थान पर्यटकों की नजरो से ओझल भी है:
दार्जिलिंग में मौजूद है संदाकफू : भारत के ईस्ट में फैला है दार्जिलंग यह समुद्र तल से 3,636 मीटर की ऊंचाई पर बसा एक खूबसूरत शहर है तथा संदाकफू ईस्ट में दार्जिलिंग जिले में है। संदाकफू का मतलब जहरीले पेड़-पौधों से है। संदाकफू की पहाड़ों की चोटियों पर जहरीले एकोनाइट पेड़ पाए जाते हैं। खबर के अनुसार दार्जिलिंग में संदाकफू का सिंगालीला रेंज ट्रैकिंग के लिए फेमस है। इसलिए इसे पैराडाइज आॅफ ट्रैकर्स के नाम से भी जाना जाता है। व यहा अनेक खूबसूरत चोटियां है जैसे एवरेस्ट, कंचनजंघा, मकालू और ल्ओत्से जो आपको रोमांच से भरपूर कर देगी।
घोस्ट टाउन : यह गांव तमिलनाडु के एक छोटी सी जगह पर बसा हुआ है इस गांव में पौराणिक रामायण के जमाने के राम सेतु के अवशेष हैं। एक घटना के तहत यहा एक चक्रवाती तूफान के कारण ट्रेन की ट्रेन ही बह गई थी. 1964 में आए चक्रवाती तूफान में यहां एक ट्रेन ही बह गई थी। यहा दिलचस्प बात यह है की इस गांव में सड़क के एक ओर बंगाल की खाड़ी तो दूसरी और अरब सागर है। यह गांव अनेक प्राकृतिक व खूबसूरत छटाओं से भरपूर है लेकिन फिर भी यह गांव वीरान ही रहता है तथा इसलिए इसका नाम पड़ा घोस्ट टाउन।
द्रास लद्दाख : द्रास एक बहुत ही खूबसूरत व अविस्मरणीय घाटी है. यह गेटवे आॅफ लद्दाख के नाम से भी फैमस है. यह जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में स्थित है। द्रास घाटी समुद्र तल से 10990 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यहां के पहाड़ों की ऊंचाई 16,000 से 21,000 फीट तक है। यह खूबसूरत जगह आपको अपनी और आकर्षित करेगी व इसे दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह के तौर पर जाना जाता है। यहां सर्दियों में तापमान -45 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है। जो की सबसे ठंडा होता है व इस दौरान वहां सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हो जाता है।
चुरू : रेतीले शहर राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में स्थित है चूरू। यह शहर गर्मी और सर्दी, दोनों के लिए मशहूर है। यहां गर्मियों में तापमान 50 डिग्री और सर्दियों में 0 डिग्री तक पहुंच जाता है। चुरू में पर्यटकों के लिए यहा की खूबसूरत हवेलियां भी अपना एक अलग स्थान रखती है। राजस्थान का यह शहर पर्यटकों को भी अपनी और आकर्षित करता है.
लखनऊ का इमामबाड़ा: इसे 18वीं शताब्दी में नवाब असफुद्दौला ने यूरोपियन और अरेबियन आर्किटेक्चर को ध्यान में रखकर बनवाया था। इसमें एक लंबा हाल है. इसमें कोई पिलर और बीम नहीं है। इस मेन हॉल को खासतौर पर इंटर लॉकिंग ब्रिक वर्क से बनाया गया है जिसे भूलभुलैया के नाम से जाना जाता है। 1,000 सीढ़ियों से होकर जाने वाला एक गुप्त रास्ता भी है यहा एक खूबसूरत गार्डन भी है जो की पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
केरल का अनंतपुरा लेक मंदिर: इस प्रसिद्ध मंदिर के छोटे से तालाब में ऐसे मगरमच्छ रहते हैं जो वेजिटेरियन की कैटेगरी में शामिल हैं। 9वीं शताब्दी में बना ये मंदिर केरल के कसरगोड़ जिले में स्थित है।