पणजी। अपनी मेहनत और लगन से कॅरियर की ऊंचाइयों को छूने वाली रूस की टेनिस स्टार मारिया शारापोवा की छवि डोपिंग विवाद में फंसने के बाद लगातार गिरती जा रही है और इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। शारापोवा पर आधारित एक अध्याय गोवा की नौवीं कक्षा की पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया गया था, जिसमें बताया गया था कि वह किस तरह अपनी मेहनत से दुनिया की नंबर एक महिला खिलाड़ी बनीं लेकिन डोपिंग में फंसने के बाद इस अध्याय को पाठ्यपुस्तकों से हटाने का फैसला किया गया है। इस वर्ष आॅस्ट्रेलियन ओपन में प्रतिबंधित दवा मेल्डोनियम के सेवन का दोषी पाए जाने के बाद शारापोवा दो वर्ष का प्रतिबंध झेल रही हैं।
पालकों को थी आपत्ति
कुछ छात्रों के पालकों का मानना है कि गोवा माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (जीबीएसएचएसई) को यह अध्याय अंग्रेजी की पाठ्य पुस्तकों से हटा लेना चाहिए और बोर्ड ने भी उनकी इस मांग का संज्ञान लेते हुए इस अध्याय को हटाने का फैसला किया है। पांच बार ग्रैंड स्लेम खिताब अपने नाम कर चुकीं शारापोवा पर आधारित अध्याय ‘रीच फॉर द टॉप’ वर्ष 2006-07 में पहली बार गोवा की नौवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया था।
कई शिक्षा संघों ने भी किया विरोध
18 वर्ष की आयु में ही दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनीं शारापोवा पर आधारित इस अध्याय का गोवा के कई शिक्षा संघों ने विरोध किया है। विरोध के बाद जीबीएसएचएसई ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसके बाद अगले वर्ष इस अध्याय को पाठ्यपुस्तकों से हटा लिया जाएगा। बोर्ड सचिव शिवकुमार जंगम ने पुष्टि करते हुए कहा कि पाठ्यपुस्तक में संशोधन करते हुए इस अध्याय को अगले वर्ष किताब से बाहर रखा जाएगा।