पुणे। सोमदेव देववर्मन इस साल लगातार खराब प्रदर्शन को लेकर परेशान होने के बजाय टेनिस कोर्ट पर अपनी खोयी पहचान हासिल करने के लिए नए कोच की सेवाएं लेने, कम से कम जंक फूड खाने और अपनी सर्विस को निखारने के लिए अभ्यास में अधिक से अधिक समय देने की योजना बना रहे हैं।
एटीपी चैलेंजर टूर्नामेंट के दूसरे दौर में हमवतन एन विजय सुंदर प्रशांत से हारने के बाद सेंटर कोर्ट पर लौटे सोमदेव के चेहरे पर इस हार की निराशा साफ झलक रही थी। और आखिर वह निराश भी क्यों न हों। जब वह किसी टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे होते हैं तो पांच घंटे और किसी टूर्नामेंट के दौरान तीन घंटे अभ्यास करते हैं। इसके बावजूद 2015 लगातार दूसरा ऐसा साल रहा जिसे वह याद नहीं करना चाहेंगे। वह विश्व रैंकिंग में 136 से 181वें स्थान पर खिसक गए।
उन्होंने जिन 19 एटीपी स्तर के चैलेंजर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, उनमें से दस में वह पहले दौर में बाहर हो गए। पांच अवसरों पर वह दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाए। दो टूर्नामेंट में वह क्वार्टर फाइनल में पहुंचे जबकि दो (दिल्ली और विनेटका) में उन्होंने खिताब जीता।
वह अब पहले की तुलना में फिट लग रहे हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो वह आपको अपनी उम्र की याद दिलाते हैं। सोमदेव ने कहा, फिटनेस मेरा मजबूत पक्ष है और मैं अपने मजबूत पक्षों पर काम करने में विश्वास करता हूं। मेरी उम्र बढ़ती जा रही है। मैं 30 साल का हो गया हूं। मैंने जंक फूड और स्वादिष्ट भारतीय भोजन में कटौती की है। मैं अपने भोजन को लेकर थोड़ा सतर्क हो गया हूं।