किस राशि के जातक के लिए कौन-सा रत्न शुभ रहता है।हमें रत्न धारण से पहले और बाद में भी इन नियमों का पालन करना चाहिए। कभी-कभी रत्न महंगे होने के कारण कई बार ज्योतिषी या विशेषज्ञ सब्सिट्यूट या यूं कहें वैकल्पिक रत्न पहनने की सलाह देते हैं।
मुख्य है 9 रत्न- आमतौर पर 9 ग्रहों के लिए 9 रत्न पहनने के लिए कहा जाता है। जैसे चंद्रमा के लिए मोती, सूर्य के लिए माणिक, गुरु के लिए पुखराज, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, शुक्र के लिए हीरा, राहू के लिए गोमेद, शनि के लिए नीलम, केतु के लिए लहसुनिया पहनने की सलाह दी जाती है।
कब पहनें रत्न- कभी भी बाजार से सीधे खरीद कर रत्न नहीं धारण कर लेना चाहिए। रत्नों को पूरी पूजा विधि के बाद ज्योतिषी या पंडित से सही समय पूछकर धारण करना चाहिए। कोई भी रत्न संबंधित ग्रह के लिए शास्त्रों में निर्धारित वार को धारण करना चाहिए। बाजार में इन दिनों ज्यादातर रत्न नकली भी मिल जाते हैं। आप सही जगह से रत्न खरीदें। इसका आधिकारिक प्रमाण पत्र या सर्टिफिकेट लेना नहीं भूलें।
इन अंगुलियों में पहनें- रत्न धारण करने में सावधानी रखना जरूरी है। हर ग्रहों के रत्नों के लिए शास्त्रों में अंगुलियां निर्धारित की गई है। पुखराज तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए। माणिक को अनामिका अंगुली, नीलम मध्यमा अंगुली में धारण करें। सबसे छोटी अंगुली में पन्ना रत्न को धारण किया जाता है। हालांकि कई विशेषज्ञ अनामिका में बुध का रत्न पन्ना को रिंग फिंगर में पहनने की भी सलाह देते हैं। चंद्रमा का मोती कनिष्का अंगुली में धारण करना चाहिए। सभी नेगेटिव प्लानेट यानी की नकारात्मक ग्रह के लिए अनामिका अंगुली में रत्न धारण करना चाहिए।
कुछ बातें ध्यान रखें
ऐसी अंगुठी बनाएं, जिसका तल या पैंदा खुला हुआ हो, इससे रत्न आपके शरीर को टच करेगा।
रत्न की किसी भी अंगुठी को निर्धारित दिन पर पहनने से पहले कम से कम 24 घंटे पहले कच्चे दूध और पानी के मिश्रण से तैयार घोल में जरूर रखना चाहिए।
रत्न धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धोएं। इसके बाद संबंधित ग्रह का बीज मंत्र बोलकर ही रत्न धारण करें।
माणिक्य के साथ नीलम, गोमेद, लहसुनिया वर्जित है।
मोती के साथ हीरा, पन्ना, नीलम, गोमेद और लहसुनिया नहीं पहनने की सलाह दी जाती है।
मूंगा के साथ पन्ना, गोमेद और लहसुनिया नहीं पहना जाता।
नीलम के साथ माणिक्य, मोती और पुखराज धारण नहीं करें।
लहसुनिया के साथ माणिक्य, मूंगा, पुखराज और मोती वर्जित है।