24 Apr 2024, 08:59:34 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। नोटबंदी के बाद स्थिति सामान्य होने तथा अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाने के उपायों की उम्मीद  में चौतरफा लिवाली के दम पर घरेलू शेयर बाजारों ने एक प्रतिशत की छलांग लगाते हुए मजबूत निवेश धारणा के साथ वर्ष 2016 को अलविदा कहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.99 प्रतिशत यानी 260.31 अंक चढ़कर 26,626.46  अंक पर तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 1.01 प्रतिशत यानी 82.20 अंक की बढ़त के साथ 8,185.80 अंक  पर बंद हुआ।

पूरे साल के दौरान सेंसेक्स की बढ़त 5.07 फीसदी की रही। पिछले साल 31 दिसंबर को यह 25,341.86 अंक  पर बंद हुआ था। हालांकि, इस साल आठ सितंबर को यह 29 हजार अंक के पार 29,045.28 अंक तक पहुंचने में  सफल रहा, लेकिन अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कयासों, देश में नोटबंदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के कारण बने दबावों के बीच उस स्तर पर टिक नहीं सका। अंतत: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दिसंबर में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।

साल के दौरान निफ्टी में 3.01 प्रतिशत की बढ़त देखी गई। पिछले साल 31 दिसंबर को यह 7,946.35 अंक पर बंद हुआ था। हालांकि,आठ सितंबर को यह भी साल के उच्चतम स्तर 8,952.50 अंक पर पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद इसके गिरने की रफ्तार सेंसेक्स की तुलना में ज्यादा रही। मिले-जुले वैश्विक रुख के बीच साल के अंतिम कारोबारी दिवस पर बाजार में चौतरफा लिवाली देखी गई।

बीएसई के सभी 20 समूह हरे निशान में रहे। सबसे ज्यादा 1.67 प्रतिशत की तेजी एफएमसीजी तथा 1.45 प्रतिशत की तेजी यूटिलिटीज समूह में देखी गई। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 25 में लिवाली का जोर रहा। गेल के शेयर सर्वाधिक 3.07 प्रतिशत चढ़े। सनफार्मा, आईटीसी तथा पावर ग्रिड भी दो प्रतिशत से अधिक की बढ़त में रहे। सबसे ज्यादा नुकसान बजाज ऑटो ने उठाया। मंझौली तथा छोटी कंपनियों में भी लिवाली का जोर रहा। बीएसई का मिडकैप 1.07 प्रतिशत चढ़कर 12,031.34 अंक तथा स्मॉलकैप 0.77 प्रतिशत चढ़कर 12,046.13 अंक पर पर बंद हुआ। 

 
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