मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी सेंसेक्स और निफ्टी समेत प्रमुख शेयर बाजार सूचकांकों के घटकों में बदलाव के लिए नियम जल्द लाएगा। इसके साथ ही नियामक सूचकांक प्रदाताओं के नियमन के लिए अलग प्रणाली तैयार कर रहा है। शेयर बाजारों के अनुषंगी समेत सूचकांक के डेरिवेटिव कारोबार का संचालन करने वाली इकाइयों तथा एस एंड पी जैसी स्वतंत्र इकाइयां फिलहाल सेबी के प्रत्यक्ष नियामकीय दायरे में नहीं आती। नए नियम में उनके लिए ‘आचार संहिता’ भी शामिल होगी। साथ ही सूचकांक से शेयर को निकालने या शामिल करने के मामले में और अधिक खुलासों तथा पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय शेयर बाजार में जिन व्यापक इक्विटी सूचकांक के सौदे होते हैं उनका प्रबंधन अलग इकाइयों अथवा शेयर बाजारों की अनुषंगी इकाइयों द्वारा किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप ये इकाइयां किसी विशिष्ट नियमन या नियमनों के दायरे में नहीं आती।’ उसने कहा, ‘इसीलिए सूचकांकों का आकलन, रख-रखाव तथा प्रबंधन इंडेक्स प्रदाताओं के विवेक पर निर्भर है और इनके लिए कोई नियामकीय निगरानी फिलहाल उपलब्ध नहीं है।’ अधिकारी ने कहा कि इसीलिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सूचकांक प्रदाताओं तथा उनकी गतिविधियों के लिए नियामकीय मसौदा तैयार करने का निर्णय किया है।
अन्य के अलावा एनएसई के प्रमुख सूचकांकों का प्रबंधन एनएसई समूह की कंपनी इंडिया इंडेक्स सर्विसेज एंड प्रोडक्ट लि. (आईआईएसएल) करती है। यह 80 से अधिक इक्विटी सूचकांकों का प्रबंधन करती है जिसमें व्यापक मानक सूचकांक, क्षेत्रवार सूचकांक आदि शामिल हैं। बंबई शेयर बाजार में प्रमुख सूचकांकों में सेंसेक्स शामिल है जिसका प्रबंधन एशिया इंडेक्स प्राइवेट लि. करती है। यह शेयर बाजार तथा एस एंड पी डाउ जोंन्स इंडिसेस एलएसएल की 50-50 प्रतिशत भागीदारी है।