मुंबई। शेयर बाजार विशेषज्ञों के अनुसार निकट भविष्य में बाजार के सीमित दायरे में रहने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में यूनान के ऋण संकट और मानसून वर्षा बाजार की चाल तय करेगी। इसके अलावा आॅटो कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी क्योंकि आॅटो कंपनियां जून के अपने बिक्री आंकड़ें जारी करने वाली हैं। ये आंकड़े बुधवार को आने शुरू होंगे।
इन सबके अलावा विदेशी निवेशकों का रख, डॉलर के मुकाबले रूपए का उतार चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। रिलायंस सिक्योरिटीज लिमिटेड के शोध प्रमुख हितेश अग्रवाल ने कहा, मानसून के अलावा सभी की नजर इस बात पर होगी कि यूनान को दिए जाने वाले राहत पैकेज का क्या अंजाम होता है क्योंकि इसका वैश्विक निवेश धारणा पर अल्पकालिक प्रभाव होगा।
उन्होंने कहा, इसके अलावा आॅटो कंपनियों के मासिक बिक्री आंकड़े घोषित किए जाएंगे जिससे आॅटो कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजर रहेगी। हालांकि, कंपनियों के कार्यपरिणामों को घोषित करने का समय आसपास है, लेकिन कारोबारी भारतीय कंपनियों के वित्तवर्ष 2015 के चौथी तिमाही के निराशाजनक कार्यपरिणामों पर गौर करते हुए ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति को अपनाने की ओर ध्यान दे सकते हैं। दक्षिण पश्चिमी मानसून समय से पहले ही पूरे देश पहुंच गया है जबकि इससे पहले मौसम विभाग ने कम बरसात की भविष्यवाणी की थी।